पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से इतना घबराती हैं कि उन्हें अपने राज्य में पैर भी नहीं रखने देना चाहतीं। इसीलिए उन्होंने पहले तो मालदा जिले में लचर बहाने बनाकर अमित शाह का हेलिकॉप्टर उतारने की अनुमति नहीं दी। लेकिन बाद में उनके बहानों की पोल खुल गई तो मजबूर होकर अनुमति देनी पड़ी।
बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह 22 जनवरी को पश्चिम बंगाल पहुंच रहे हैं। उनकी यहां 24 जनवरी तक अलग-अलग जिलों में रैलियां प्रस्तावित हैं। उन्हें सबसे पहले मालदा पहुंचना है। लेकिन पहले उनके हेलिकॉप्टर को उतारने की अनुमति देने से राज्य प्रशासन ने इनकार कर दिया।
लेकिन बाद में विवाद केतूल पकड़ने के बाद प्रशासन ने हेलिकॉप्टर लैंडिंग की इजाजत दे दी है। हालांकि अभी भी रैली के स्थल को लेकर विवाद जारी है।
मालदा के डीएम की ओर से एक और निर्देश जारी किया गया। जिसमें उन्होंने अमित शाह की प्रस्तावित रैली का स्थान रद्द कर दिया। विवाद बढ़ने के बाद मालदा जिला प्रशासन ने 22 जनवरी को शाह के हेलिकॉप्टर को लैंड करने की अनुमति दे दी है।
राज्य प्रशासन ने यह बहाना बनाया था कि मालदा एयरपोर्ट पर काम चल रहा है। एयरपोर्ट पर कंस्ट्रक्शन का काफी सामान पड़ा है। वहां पर अमित शाह का हेलिकॉप्टर उतारने के लिए जगह नहीं है।
लेकिन बाद में प्रशासन के दावे झूठे निकले। मीडिया ने एयरपोर्ट का दौरा किया तो पता चला कि वहां पर जगह खाली पड़ी थी। जिसके बाद जिला प्रशासन ने फिर से एक सर्कुलर जारी करके अमित शाह के हेलिकॉप्टर को उतरने की अनुमति दी।
हालांकि अमित शाह का हेलिकॉप्टर एयरपोर्ट पर नहीं बल्कि होटल गोल्डन पार्क के सामने मैदान में उतारने की अनुमति दी गई है, जहां पर सीएम का हेलिकॉप्टर भी उतरता है।
अमित शाह को मालदा में 22 जनवरी को जबकि 23 जनवरी को बीरभूम और झारग्राम जिलों में दो रैलियों को संबोधित करना है। 24 जनवरी को दक्षिण परगना और नदिया जिलों में भी शाह रैलियों को संबोधित करेंगे।