ठाकरे परिवार महाराष्ट्र की राजनीति में हमेशा से हावी रहा है। लेकिन ठाकरे परिवार के किसी शख्स ने क्षमता होने के बावजूद कोई राजनीतिक पद नहीं लिया। लेकिन अब शायद शिवसेना परंपरा तोड़ते हुए उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाने की तैयारी में है।
मुंबई: शिवसेना में सबसे अहम रणनीतिकारों में से एक संजय राउत ने संकेत दिया है कि महाराष्ट्र में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में शिवसेना आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर प्रस्तुत कर सकती है। उनका कहना था कि अब आदित्य ठाकरे को महाराष्ट्र की कमान संभालनी चाहिए। यह शिवसेना की मुख्यमंत्री पद पर यात्रा की शुरुआत होगी। संजय राउत ने महाराष्ट्र में एक रैली के दौरान यह बात कही।
दरअसल बाला साहेब ठाकरे, उद्धव ठाकरे या राज ठाकरे ने खुद कभी ना तो चुनाव लड़ा और ना ही कभी मुख्यमंत्री या मंत्री पद स्वीकार किया। लेकिन संजय राउत के बयान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिवसेना शायद आदित्य ठाकरे को चेहरा बनाकर अगले विधानसभा चुनाव में उतरे।
आदित्य ठाकरे ने गुरुवार से जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत की है। जलगांव से इस यात्रा की शुरुआत करते हुए जूनियर ठाकरे के तेवर पूरी तरह राजनेता वाले दिखे। उन्होंने वहां मौजूद भीड़ से ‘नया महाराष्ट्र' बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा आगामी चुनाव के मद्देनज़र वोट मांगने का अभियान नहीं है बल्कि उनके लिए ‘तीर्थ यात्रा' है।
अपनी यात्रा की शुरुआत में आदित्य ठाकरे ने कहा कि 'मैं यहां कुछ भी हासिल करने नहीं आया हूं। मैं यहां आप लोगों के आशीर्वाद के लिए आया हूं। मेरे दादा और पिता ने मुझे सिखाया है कि मुझे आपका प्यार और दुआएं हासिल करनी चाहिए। चुनाव जीतने के बाद कोई भी आशीर्वाद लेने वापस नहीं आता। लेकिन मैं उन लोगों को धन्यवाद देने आया हूं जिन्होंने हमें वोट दिया और उन्हें मनाने भी जिन्होंने हमें वोट नहीं दिया।'
यात्रा के दूसरे दिन आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के धुले में रैली की है। शिव सेना ने आदित्य ठाकरे की इस रैली के लिए जानबूझकर महाराष्ट्र के उत्तरी हिस्से को चुना है। क्योंकि पिछले कुछ समय से इस इलाके में पार्टी कमजोर दिख रही है। यात्रा के पहले चरण में पांच जिलों में आदित्य की रैलियां आयोजित की जा रही हैं इनमें जलगांव, धुले, नाशिक और नगर हैं। यात्रा का पहला चरण 22 जुलाई को समाप्त हो जाएगा।
हालांकि अपनी रैलियों के दौरान आदित्य ठाकरे कहीं भी मुख्यमंत्री पद के लिए दावा नहीं कर रहे हैं। लेकिन उनके तेवर औऱ संजय राउत के बयानों से साफ झलकता है कि शिवसेना ने ठाकरे परिवार की स्थापित परंपरा को ताक पर रखकर आदित्य ठाकरे को चुनाव मैदान में उतारने का मन बना लिया है।