योगी से मिले और बदल गए राजभर के सुर

By Team MyNationFirst Published Dec 19, 2018, 1:28 PM IST
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योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले ओम प्रकाश राजभर की नाराजगी को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूर कर दिया है। राजभर ने अपना दुख सीएम को बताया तो योगी ने मिलकर चलने और शिकायतों को दूर करने के लिए आश्वस्त किया। लिहाजा सरकार के खिलाफ बयान देने वाले राजभर के सुर बदल गए और बोले भाजपा के साथ ही सरकार चलाएंगे और चुनाव लड़ेगे। 

अकसर सरकार में रहने के बावजूद योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले ओम प्रकाश राजभर की नाराजगी को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूर कर दिया है। राजभर ने अपना दुख सीएम को बताया तो योगी ने मिलकर चलने और शिकायतों को दूर करने के लिए आश्वस्त किया। लिहाजा सरकार के खिलाफ बयान देने वाले राजभर के सुर बदल गए और बोले भाजपा के साथ ही सरकार चलाएंगे और चुनाव लड़ेगे। 

केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर विरोधी बयान देने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर का अंदाज कुछ बदला बदला नजर आया। असल में कई दिनों से राज्य सरकार में सहयोगी होने के बाद भी सरकार के खिलाफ बयान दे रहे थे। राजभर ने यहां तक कह दिया था कि वह लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगे। लेकिन मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री व्यक्तिगत मुलाकात के बाद रिश्तें में नरमी आयी। सीएम ने राजभर से भाजपा के खिलाफ तीखी बयानबाजी बंद करने को कहा तो राजभर बोले-हमारी मांगें मान लीजिए मैं कुछ नहीं बोलूंगा।

असल में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद मुख्यमंत्री विधानसभा परिसर में स्थित अपने कक्ष में पहुंचे। तभी उनका सामना ओम प्रकाश राजभर से हुआ। दोनों की बातचीत में मुख्यमंत्री ने ओम प्रकाश राजभर से भाजपा के खिलाफ की जा रही आपत्तिजनक बयानबाजी पर खासा एतराज जताया। राजभर की बयानबाजियों पर मुख्यमंत्री ने उनसे सवाल किए। जिसके जवाब में राजभर ने कहा कि उनकी मांगे मान ली जाएं तो बयानबाजी पूरी तरह बंद कर देंगे। असल में विधानसभा चुनाव सुभासपा और भाजपा ने मिलकर लड़ा और इस चुनाव में भाजपा सहयोगी दलों के साथ मिलकर 325 सीटें जीतने में कामयाब रही।

इस गठबंधन में भाजपा 312 तो सुभासपा को 4 और अपना दल को 9 सीटें मिलीं। इस बैठक के दौरान राजभर ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के 27  फीसदी आरक्षण में बंटवारे के वादे के बाद भी सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसके कारण वह वह पार्टी बचाने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद ओम प्रकाश ने भाजपा के साथ अच्छे रिश्ते का संकेत दिया। 

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