योगी सरकार ने की आजम खान पर अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही

By Team MyNation  |  First Published Jul 27, 2019, 8:17 AM IST

पिछली समाजवादी पार्ट की सरकार के दौरान आजम खान को जौहर विश्वविद्यालय के लिए नियमों में तांक पर रखकर कोसी नदी के किनारे की 2013 में जौहर ट्रस्ट के संयुक्त सचिव एवं विधायक नसीर अहमद के नाम जमीन दर्ज की गई थी। यह जमीन कोसी नदी की किनारे की रेतीली जमीन थी। उस वक्त ये जमीन जौहर ट्रस्ट को तीस साल की लीज पर दिया गया था। नियमों को दरकिनार कर दी गयी जमीन के लिए अफसरों की मिलीभगत थी।

रामपुर की एसडीएम कोर्ट ने जौहर ट्रस्ट के नाम दर्ज सात हेक्टेयर जमीन के पट्टे को खारिज कर इसे कोसी की रेतीली जमीन के तौर पर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। ये आजम खान के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका है। क्योंकि जिस जौहर विश्वविद्यालय के लिए उन्होंने कई नियमों को दरकिनार किया, उन्हीं नियमों के शिंकजे में आजम खान फंसने लगे हैं। वहीं अब रामपुर जिला प्रशासन उन लोगों के खिलाफ भबी कार्यवाही करने की तैयारी में जिन्होंने आजम खान के संस्थान को नियमों को दरकिनार कर जमीन लीज पर दी थी।

राज्य में पिछली समाजवादी पार्ट की सरकार के दौरान आजम खान को जौहर विश्वविद्यालय के लिए नियमों में तांक पर रखकर कोसी नदी के किनारे की 2013 में जौहर ट्रस्ट के संयुक्त सचिव एवं विधायक नसीर अहमद के नाम जमीन दर्ज की गई थी। यह जमीन कोसी नदी की किनारे की रेतीली जमीन थी। उस वक्त ये जमीन जौहर ट्रस्ट को तीस साल की लीज पर दिया गया था।

नियमों को दरकिनार कर दी गयी जमीन के लिए अफसरों की मिलीभगत थी। क्योंकि उस वक्त रामपुर में आजम खान का दबदबा था और उनके आगे किसी की नहीं चलती थी। लेकिन राज्य में सत्ता बदलते ही कुछ दिनों पहले मौजूदा तहसीलदार सदर ने एसडीएम सदर कोर्ट में एक वाद दायर किया था।

इसमें एसडीएम कोर्ट में ये कहा गया कि कोसी नदी की 7.135 हेक्टेयर रेतीली जमीन को तीस साल के पट्टे पर महज साठ रुपये में दिया गया है। लिहाजा इस जमीन को ट्रस्ट के कब्जे से मुक्त कराकर फिर से रेतीली जमीन में दर्ज कराने की मांग की थी। हालांकि इस पर एसडीएम कोर्ट जौहर ट्रस्ट के संयुक्त सचिव नसीर अहमद खां को नोटिस जारी किया था।

लेकिन उन्होंने नोटिस को लेने से ही मना कर दिया। जिसके बाद अब इस लीज को रद्द कर दिया गया है। फिलहाल अब राज्य सरकार उन अफसरों की भी पहचान कर रही है। जिन्होंने नियमों अवहेलना कर जमीन को नियम विरुद्ध जौहर ट्रस्ट के नाम पर पट्टा किया था।

इसके लिए रामपुर जिलाधिकारी ने एक रिपोर्ट शासन को भी भेजी है। उधर रामपुर जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट में जौहर विश्वविद्यालय की आधी से अधिक जमीन फर्जीवाड़े, कब्जे और मिलीभगत से हासिल करने का दावा किया गया है। 
गौरतलब है कि तीन पहले ही आजम खान पर जौहर यूनिवर्सिटी के बीच से गुजरने वाली सड़क पर कब्जे को लेकर कोर्ट ने 3.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। यही नहीं कोर्ट ने 15 दिन के अंदर यूनिवर्सिटी गेट को तोड़ने का भी आदेश दिया है। 

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