असल में उत्तर प्रदेश विधान परिषद में भाजपा के पास बहुमत नहीं है। क्योंकि परिषद में सबसे ज्यादा सदस्य सपा के हैं और इसके बाद भाजपा के। 100 सदस्यीय विधान परिषद में भाजपा को अपने बिल को पास कराने के लिए कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। लिहाजा सरकार के बिल परिषद में पारित न होने के कारण अकसर लटक जाते हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब राज्य में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के उस फार्मूले को लागू करेंगे। जिसके जरिए पिछले दो महीनों में राज्यसभा में भाजपा को मजबूती मिली। इस फार्मूले के लागू करने के साथ ही बसपा को झटका लगने की संभावना है। हालांकि पहले भाजपा सपा को इस मामले में बड़ा झटका दे चुकी है।
असल में उत्तर प्रदेश विधान परिषद में भाजपा के पास बहुमत नहीं है। क्योंकि परिषद में सबसे ज्यादा सदस्य सपा हैं और इसके बाद भाजपा के। 100 सदस्यीय विधान परिषद में भाजपा को अपने बिल को पास कराने के लिए कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। लिहाजा सरकार के बिल परिषद में पारित न होने के कारण लटक जाते हैं।
लिहाजा अब भाजपा विपक्षी दलों के पार्षदों को तोड़कर अपने पाले में लाना चाह रही है। हालांकि भाजपा राज्य में ये प्रयोग पहले ही कर चुकी है। उसने सपा के पांच परिषद के विधायकों को तोड़कर अपने पाले में कर लिया था। लिहाजा राज्यसभा में भाजपा को इस रणनीति की मिली सफलता के बाद राज्य में केन्द्र का फार्मूला लागू करने की तैयारी है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक भाजपा के संपर्क में बसपा के तीन विधायक हैं। जो जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। वहीं सपा के भी कुछ विधायक भाजपा नेताओं के संपर्क में है। खासतौर से उन राज्यसभा सांसदों के जो हाल ही में सपा छोड़कर भाजपा में गए और फिर राज्यसभा पहुंच गए हैं। भाजपा दोनों विपक्षी दलों को बड़ा झटका देने की तैयारी में है।
हाल ही में राजस्थान में बसपा के छह विधायकों ने पाला बदल लिया था और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वहीं ऐसा माना जा रहा है बसपा के चार राज्यसभा सांसदों में से एक सांसद भी भाजपा में शामिल हो सकता है। क्योंकि इस सांसद का कार्यकाल अगले साल खत्म हो रहा है और ऐसे में दोबारा फिर से राज्यसभा में पहुंचने की उम्मीद कम है।
अगर बसपा से इस्तीफा दिया जाता है तो अगले साल फिर राज्यसभा में जाने का टिकट पक्का हो सकता है। भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत कभी सपा के सांसद रहे राज्यसभा सांसदों को राज्यसभा में भेज दिया है। उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में 100 सदस्य हैं और इसमें सबसे ज्यादा 55 सपा के सदस्य हैं। जबकि भाजपा के 21, अपना दल एक, बसपा के आठ सदस्य हैं। बागी शिक्षक कोटे और स्नातक कोटे के सदस्य हैं।