Chandrayaan-3 को लेकर यूट्यूब चीफ ने कह दी बड़ी बात, लाइव स्ट्रीमिंग का बना था अनोखा रिकॉर्ड

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Sep 14, 2023, 5:30 PM IST
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यूट्यूब चीफ नील मोहन ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग को 8 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा देखे जाने पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को बधाई दी है।

नई दिल्ली। यूट्यूब चीफ नील मोहन ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग को 8 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा देखे जाने पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को बधाई दी है। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर किए गए एक पोस्ट में, यूट्यूब इंडिया ने कहा है कि 23 अगस्त को चंद्रमा पर चंद्रयान -3 की सॉफ्ट लैंडिंग को 80 लाख (8 मिलियन से अधिक) लोगों ने लाइव देखा। इसकी वजह से यह सबसे ज्यादा बार देखे जाने वाला लाइव वीडियो बन गया है। पोस्ट में यूट्यूब ने सेलिब्रेशन इमोजी के साथ कहा कि इसने हमें सरप्राइज कर दिया है।

 

This was so exciting to watch - congratulations to the whole team at . 8M concurrent viewers is incredible! https://t.co/PM3MJgkPrE

— Neal Mohan (@nealmohan)

 

यूट्यूब चीफ ने ISRO की टीम को दी बधाई

यूट्यूब चीफ नील मोहन ने कहा कि यह देखना बहुत ही रोमांचक था। उन्‍होंने ISRO की टीम को बधाई देते हुए कहा कि 8 मिलियन लोगों ने इसे देखा, अविश्वसनीय सा है। दरअसल, लॉन्च के दिन यूट्यूब पर लाइव प्रसारण में चंद्रयान -3 की लैंडिंग और ISRO के अधिकारियों के बीच जश्न से लेकर पीएम मोदी का संबोधन भी दिखाया गया। फिलहाल, चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 का लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास है।

भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान की दिशा में लगाई लंबी छलांग

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के साथ ही भारत ने दक्षिणी ध्रुव पर उतरकर अंतरिक्ष विज्ञान की दिशा में एक लम्बी छलांग लगाई है और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया। देखा जाए तो अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत वह चौथा देश है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरने में सफल हुआ है।

लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर किए अलग-अलग काम

लैंडिंग के बाद चंद्रयान 3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा की सतह पर कई कार्य किए। ​कुछ तत्वों की चंद्रमा की सतह पर मौजूदगी का पता लगाया। तापमान रिकॉर्ड किया और आसपास की गतिविधियां दर्ज कीं। वैसे, भारत के चंद्रयान-3 मिशन का लक्ष्य चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ रोवर का संचालन और कुछ वैज्ञानिक एक्सपेरिमेंट थे। 

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