Dhanteras Puja Samagri List: रूठी हुईं लक्ष्मी बरसाएंगी धन, धनतेरस पर इस पूजा-सामाग्री से करें पूजा

By Anshika Tiwari  |  First Published Nov 9, 2023, 10:49 AM IST

Dhanteras Puja Samagri Items: इस साल धनतेरस 10 नवबंर को मनाया जाएगा। धनतेरस की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा (dhanteras par puja kaise karen) करें और पूजा की सामाग्री के लिए क्या जरूरी है। 
 

Dhanteras Puja Samagri List: दिवाली का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी धनतेरस के दिन से शुरू हो जाता है। इस बार धनतेरस 10 नवबंर को मनाया जा रहा है। धनतेरस  के दिन भगवान विष्णु के अवतार धन्वंतरि की पूजा की (Dhanteras Pujan Time 2023) जाती है। धन्वंतरि देवाओं के आर्युवेदक है। कहा जाता है, धनतेरस के दिन धन्वंतरि की पूजा करने से साल भर कष्ट और रोग से मुक्ति मिलती है। मान्यता है, धनतेरस पर सही पूजा विधि करने से घर में लक्ष्मी की कृपा बरसती है और बरकत बनी रहती है। तो चलिए जानते हैं धनतेरस की (Dhanteras Pujan Vidhi) पूजा का शुभ समय और पूजा-सामाग्री 

कब कर सकेंगे धनतेरस की पूजा (dhanteras puja ka shubh muhurat) 

बता दें, इस साल धनतेरस की पूजा (dhanteras 2023 puja time) 10 नवंबर को शाम 5 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 43 मिनट तक कर सकेंगे। इस बार धनतेरस क पूजा के लिए केवल दो घंटे का वक्त मिलेगा। वहीं खरीददारी का समय (dhanteras par khareedari kab karen) 10 नवंबर को 12 बजकर 18 मिनट से लेकर  1 बजकर 57 मिनट तक खरीददारी कर सकते हैं।


धनतेरस की पूजा में शामिल ये पूजा सामाग्री (Dhanteras Puja Samagri Items)

लक्ष्मी-गणेश के चांदी के सिक्के
5 पूजा की सुपारी
21 कमलगट्टे
प्रसाद के लिए पीले रंग की मिठाई
पाने के पत्ते
लौंग
कपूर
रोली
अक्षत
फूल-माला
फल
नारियल
गंगा जल 
पैसों के सिक्के
धूप
घी के दीये
चंदन
हल्दी
शहद 

कैसे करें धनतेरस पर पूजा (Dhanteras ki puja kaise karen)

सबसे पहले, धनतेरस की संध्या पर भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेरी जी तस्वीर को एक जगह स्थापित करें। फिर घी का दिया जलाएं। इसके बाद (Dhanteras Puja Kese Karen) चंदन से तिलक करें। पूजा के समय कुबेर जी के मंत्र का जाप करें। भोग के तौर पर भगवान थन्वतंरि क पीले रंग की मिठाई चढ़ाएं और कुबेर जी को सफेद मिठाई चढ़ाएं। इसके बाद माता लक्ष्मी और गणेश जी का भी पूजन करें। मां लक्ष्मी के समक्ष दीप जलाएं और उन्हें कमलगट्टे अर्पित करें। इसी तरह भगवान गणेष तो फल-फूल चढ़ाएं। उसके बाद भोग लगाएं और आऱती करें। 

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