आपके जीवन में अशुभ सपने, अंगों का फड़कना, कुत्ते बिल्ली आदि संबंधित अनेक प्रकार के शकुन और अपशकुन होते हैं। शास्त्रों में इन अपशकुनों से संबंधित कई उपाय बताए गए हैं। हम आपके लिए लेकर आए हैं ऐसे ही 16 उपाय। हमारा उद्देश्य किसी तरह के अंधविश्वास को बढ़ावा देना नहीं है। हम प्रचलित मान्यताओं को जस का तस आपके सामने रख रहे हैं। फैसला आपका है आप इसे मानें या ना मानें-
ये हैं अपशकुन टालने के 16 उपाय-
1. प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्निदेव हैं। यदि इस तिथि पर कोई अपशकुन हो जाएं तो लगातार 10 दिनों तक शुद्ध घी का दान करें।
2. द्वितीया तिथि के स्वामी ब्रह्मदेव हैं। इस तिथि पर कोई अपशकुन हो तो लगातार 5 दिन तक भोजन का दान करें।
3. तृतीया तिथि माता पार्वती को समर्पित है। यदि इस दिन कोई अशुभ सपना आए तो 7 दिनों तक कुंकुम का दान करें।
4. चतुर्थी तिथि के स्वामी श्रीगणेश हैं। इस तिथि पर कोई अपशकुन हो तो किसी शुभ मुहूर्त में सूखे धनिए का दान करें।
5. पंचमी तिथि के स्वामी शेषनाग हैं। इस तिथि पर अपशकुन होने पर 21 दिन तक कच्चे दूध का दान करें।
6. षष्ठी तिथि के स्वामी कार्तिकेय हैं। इस तिथि पर अपशकुन होने पर 12 दिनों तक यज्ञोपवीत (जनेऊ) का दान करें।
7. सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्यदेव हैं। इस तिथि पर अपशकुन होने पर 8 दिन तक गेहूं का दान करें।
8. अष्टमी तिथि के स्वामी रुद्र हैं। इस तिथि पर अपशकुन होने पर 13 दिन गुड़ का दान करें।
9. नवमी तिथि की स्वामी माता दुर्गा हैं। इस तिथि पर अपशकुन होने पर 25 दिन तक साबूत हल्दी का दान करें।
10. दशमी तिथि की गायत्री माता गायत्री हैं। इस तिथि पर अपशकुन होने पर 10 दिनों तक चावल का दान करें।
11. एकादशी तिथि के स्वामी विश्वेदेवा हैं। इस तिथि पर अपशकुन होने पर 7 दिनों तक पीले फलों का दान करें।
12. द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु हैं। इस तिथि पर अपशकुन होने पर 7 दिनों तक केले का दान करें।
13. त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव हैं। इस तिथि पर अपशकुन होने पर 10 दिनों तक गेहूं का दान करें।
14. चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं। इस तिथि पर अपशकुन होने से 11 दिन तक दूध का दान करें।
15. अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव हैं। इस तिथि पर अपशकुन होने से 5 दिन तक गरीबों को भोजन करवाएं।
16. पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्रदेव हैं। इस तिथि पर अपशकुन होने से कुंवारी कन्या को उसकी पसंद की चीज दान करें।
यह सभी प्रकार के दान योग्य व्यक्ति को ही दिया जाना चाहिए। अयोग्य को दिया हुआ दान व्यर्थ साबित होता है। दान के योग्य अयोग्य व्यक्ति की परिभाषा हम आपको अगले आलेख में समझाएंगे।