इस बार के जन्माष्टमी के व्रत को लेकर बहुत जगहों पर भ्रम की स्थिति देखी जा रही है। लेकिन शंका की जरुरत नहीं क्योंकि बिना रोहिणी नक्षत्र के भगवान कृष्ण का जन्मदिन नहीं मनाया जाना चाहिए।
वैसे तो श्रीहरि का पवित्र नाम जपने के लिए हर घड़ी शुभ है। लेकिन ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार सप्तमी युक्त अष्टमी का व्रत नही रखना चाहिये।
23 तारीख शुक्रवार का व्रत इसीलिये त्याज्य है कि सूर्योदय सप्तमी में तथा उसके बाद 2 घण्टा 19 मिनट तक सप्तमी तिथि ही है साथ ही दिनभर व जन्म उत्सव समय मध्यरात्रि में भी रोहिणी नक्षत्र नही है।
24 तारीख शनिवार को जन्माष्टमी व्रत मान्य है। क्योकि सूर्योदय से लेकर 2 घण्टा 42 मिनट तक अष्टमी तिथि व पूरे दिनभर रात भर रोहिणी नक्षत्र है।
देश के इन सभी पवित्र और बड़े मंदिरों में जन्माष्टमी 24 तारीख को है।
भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा ,
बम्लेश्वरी मन्दिर डोंगरगढ़
महामाया मन्दिर रायपुर
दूधाधारी मठ रायपुर
राजीव लोचन मंदिर राजिम
नया मन्दिर ( जैतु साव मठ)
नागरी दास मन्दिर
गोपी दास मन्दिर
गोपाल मन्दिर बनियापारा
हनुमान मंदिर गुढ़ियारी
कृष्ण मन्दिर समता कॉलोनी
कृष्ण मन्दिर जवाहर नगर
इस्कॉन मंदिर टाटीबंध
नया राम मंदिर VIP रोड
खाटू श्याम मन्दिर समता कॉलोनी
सत्यनारायण मन्दिर ब्राह्मण पारा
इस्कॉन मंदिर नोएडा
इसके अतिरिक्त भी सहस्त्रों श्रीहरि मंदिरों में जन्माष्टमी शनिवार को ही मनाई जा रही है।