NPS वात्सल्य योजना में क्या है इन्वेस्ट लिमिट, जानें कैसे बच्चों के फ्यूचर को बना सकते हैं सुरक्षित?

By Surya Prakash TripathiFirst Published Sep 18, 2024, 5:52 PM IST
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जानें NPS वात्सल्य योजना के बारे में, जो बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित की गई थी। बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इस योजना में निवेश कैसे करें, लाभ और निकासी के नियम क्या हैं, जानिए यहां।

NPS Vatsalya Scheme: रिटायरमेंट के बाद पेंशन को इनकम का बहुत अच्छा जरिया माना जाता है। पेंशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस साल बजट 2024 में NPS वात्सल्य योजना की घोषणा की थी।  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा था कि NPS वात्सल्य योजना में बच्चों को एक तरह से पेंशन का लाभ मिलेगा। बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज NPS वात्सल्य योजना को लॉन्च की। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या है NPS वात्सल्य योजना?
बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए माता-पिता या अभिभावक इस योजना में निवेश कर सकते हैं। इस योजना की शुरुआत इस उद्देश्य से की गई है कि जब बच्चे बड़े हो जाएं तो वे आर्थिक रूप से स्थिर हों। इस योजना में निवेश के लिए कोई पात्रता नहीं है, यानी भारत के सभी नागरिक इस योजना में निवेश कर सकते हैं। इस योजना का संचालन पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा किया जाएगा।

NPS वात्सल्य योजना में इन्वेस्ट की लिमिट? 
NPS वात्सल्य योजना में निवेश के लिए कई विकल्प हैं। इन्वेस्टर को इन ऑप्शंस में से एक विकल्प चुनना होता है। इस योजना में सालाना कम से कम 1000 रुपये निवेश करना होता है। हालांकि निवेश की कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है।

प्रीमेच्योर विड्रॉल आप्शन क्या हैं? 
इस योजना में निवेशक के पास समय से पहले निकासी का ऑप्शन भी होता है। इसका मतलब है कि योजना से मेच्योरिटी से पहले एमाउंट निकाली जा सकती है। इस योजना में 3 साल का लॉक-इन पीरियड है, यानी निवेशक इन्वेस्ट की डेट से 3 साल के बाद कोई विड्रॉल नहीं कर सकता है। बीमारी या शिक्षा के लिए फंड का 25% हिस्सा निकाला जा सकता है। विकलांगता की स्थिति में निवेशक 75% से ज्यादा रकम निकाल सकता है। बच्चे के 18 साल का होने तक सिर्फ 3 बार आंशिक निकासी की अनुमति है।

कब मैच्योर होती है स्कीम?
बच्चे के 18 साल का होने पर स्कीम मैच्योर होती है। अगर फंड में रकम 2.5 लाख रुपये से कम है तो एकमुश्त निकासी की जा सकती है। वहीं अगर रकम 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो सिर्फ 20% रकम ही निकाली जा सकती है। बची हुई रकम से एन्युटी खरीदी जा सकती है। इससे बच्चे को हर महीने एक तय रकम यानी पेंशन का लाभ मिलेगा। 

18 साल का होने के बाद क्या करना होगा?
वहीं, बच्चे के 18 साल का होने के बाद भी इस स्कीम को जारी रखा जा सकता है। अगर बच्चे के 18 साल का होने के बाद भी स्कीम को जारी रखना है तो आपको इसकी जानकारी पहले से देनी होगी। इसके बाद NPS वात्सल्य को एनपीएस टियर-1 बना दिया जाएगा। बच्चे के 18 वर्ष का होने के बाद 3 महीने के भीतर दोबारा KYC करानी होगी।

 


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