आईएमएफ ने मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों को सराहा, चार साल में हुए विकास को बताया मजबूत

By Arjun Singh  |  First Published Dec 10, 2018, 4:22 PM IST

आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री ऑब्स्टफेल्ड ने कहा, भारत ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कई मूलभूत सुधार किए हैं। इनमें जीएसटी और इनसॉल्‍वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड शामिल हैं। लोगों को अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए जो कुछ भी किया गया है वह बहुत महत्वपूर्ण है। 
 

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों का मुरीद हो गया है। आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री मौरिस ऑब्स्टफेल्ड ने कहा है कि पिछले चार साल में भारत का विकास बहुत मजबूती से हुआ है। मौरिस ने जीएसटी और दिवालिया कानून जैसे मूलभूत आर्थिक सुधारों को भी सरकार का बेहतरीन कदम बताया। 

66 साल के मौरिस का कार्यकाल इस महीने खत्म हो रहा है। उनके बाद भारत की गीता गोपीनाथ आईएमएफ में मुख्य अर्थशास्त्री का पद संभालेंगी। वह रघुराम राजन के बाद इस पद पर पहुंचने वाली दूसरी भारतीय होंगी। मौरिस अब यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में अर्थशास्त्र विभाग लौट रहे हैं। 

ऑब्स्टफेल्ड  ने यहां कहा, भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई मूलभूत सुधार किए हैं। इनमें गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स (जीएसटी) और इनसॉल्‍वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड शामिल हैं। लोगों को अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए जो कुछ भी किया गया है वह बहुत महत्वपूर्ण है। 

साढ़े चाल साल में मोदी सरकार के कामकाज पर टिप्पणी करते हुए हुए उन्होंने कहा, भारत का विकास शानदार रहा है। हालांकि इस साल की तीसरी तिमाही में थोड़ी सुस्‍ती आई है, लेकिन कुल मिलाकर साढ़े चार साल में विकास दर अच्छी रही।  उन्होंने कहा, 'अब भी कुछ कमियां हैं, इसलिए जरूरी है कि सरकार चुनावों के दौरान भी सुधारों की गति बनाए रखे, ताकि वित्तीय व्यवस्था भी सही तरीके से बनी रहे।'

मौरिस ने भारत में कॉरपोरेट कर्ज और खराब आधारभूत परियोजनाओं के लंबे इतिहास पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ साल में देश बैंकिंग सिस्टम की तरफ ज्यादा केंद्रित हुआ है। लेकिन जैसे भारत बैंकिंग सिस्टम की तरफ बढ़ रहा है, हो सकता है कि कर्ज शेडौ बैंकिंग की तरफ मुड़ गए हों। इसलिए आर्थिक दबाव को नियंत्रित रखने के लिए इस क्षेत्र में नजर बनाए रखने की जरूरत है। भारत में हमें यह कोशिश नजर आने लगी है।'  


 

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