मार्स ओडिसी ऑर्बिटर ने कुछ तस्वीरें भी भेजीं हैं, जिनमें इनसाइट को मंगल की सतह पर उतरते देखा जा सकता है।
मंगल के रहस्य उजागर करने के लिए इसकी चट्टानी सतह को खोदने के लिहाज से डिजाइन किया गया नासा का रोबोटिक इनसाइट अंतरिक्षयान सफलतापूर्वक लाल ग्रह की सतह पर उतर गया है। अंतरिक्ष यान के भेजे सिग्नल में संकेत दिया गया है कि उसके सौर पैनल खुले हैं और उन्हें मंगल ग्रह पर धूप मिल रही है।
नासा के मार्स ओडिसी ऑर्बिटर ने सिग्नल भेजे जो मंगलवार को भारतीय समयानुसार सुबह सात बजे पृथ्वी पर पहुंचे। धूप मिलने के संकेतों से साफ हो गया कि अंतरिक्ष यान की बैटरी रोजाना रिचार्ज हो सकती है। ओडिसी ने कुछ तस्वीरें भी भेजीं जिनमें इनसाइट को सतह पर उतरते देखा जा सकता है।
इस अंतरिक्षयान को पांच मई को अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित वांडेनबर्ग वायुसेना केंद्र से प्रक्षेपित किया गया था। यह 48.2 करोड़ किलोमीटर की यात्रा करीब छह महीने में पूरी करने के बाद सोमवार को लाल ग्रह पर उतरा।
नासा के प्रशासक जिम ब्राइडेनस्टीन ने कहा, ‘आज हम मानवीय इतिहास में आठवीं बार मंगल पर सफलतापूर्वक उतरे।’ उन्होंने कहा, ‘इनसाइट मंगल के आंतरिक पर्यावरण का अध्ययन करेगा और हमें वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करेगा जहां हम अंतरिक्षयानों को चंद्रमा और फिर मंगल पर भेजने की तैयारी कर रहे हैं।’
मंगल से पृथ्वी की दूरी लगभग 16 करोड़ किलोमीटर है और अंतरिक्षयान के बारे में रेडियो सिग्नल से मिल रही जानकारी यहां तक आने में आठ मिनट से ज्यादा का समय लग रहा है। 1976 के बाद से नासा ने नौवीं बार मंगल पर पहुंचने का यह प्रयास किया। अमेरिका के पिछले प्रयास को छोड़कर बाकी सभी सफल रहे। पिछली बार नासा का अंतरिक्षयान क्यूरियोसिटी रोवर के साथ 2012 में मंगल पर उतरा था। (इनपुट भाषा)