आखिर इमरान खान ने कबूली पाकिस्तान की सबसे खौफनाक हकीकत

By Team MyNationFirst Published Sep 24, 2019, 10:24 AM IST
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अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का सबसे बड़ा कबूलनामा सामने आया है। उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेन्सी आईएसआई ने ही अल कायदा के खूंखार आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी थी। उन्होंने एक अमेरिकी थिंक टैंक द्वारा आयोजित बैठक में यह बयान दिया। 
 

न्यूयॉर्क: अमेरिका में मौजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने माना है कि 9/11 को अमेरिका पर हुए आतंकवादी हमलों से पहले पाकिस्तान की सेना और वहां की खुफिया एजेन्सी आईएसआई ने ही अल कायदा के आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी थी। 

इमरान खान अमेरिकी थिंक टैंक काउिंसल ऑन फॉरेन रिलेशंस (सीएफआर) की बैठक के दौरान बात कर रहे थे। जहां बातचीत के दौरान पाकिस्तान के पीएम इमरान ने खुलेआम स्वीकार किया कि अल कायदा को पाकिस्तान ने ट्रेंड किया था। हालांकि यह बात पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान में ही आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जाती है और वहां की सेना तथा आईएसआई इसमें शामिल रहती है। 

लेकिन किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने पहली बार सार्वजनिक मंच से यह बात स्वीकार की है। इमरान खान ने अमेरिकियों को प्रभावित करने के लिए शेखी बघारते हुए कहा कि सोवियत यूनियन के खिलाफ जेहाद के लिए आईएसआई ने दुनियाभर के मुसलमानों को आतंकी ट्रेनिंग दी थी, जिसमें अल कायदा के आतंकवादी भी शामिल थे। 

इमरान खान की इस स्वीकारोक्ति के बाद दुनिया भर में आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान का हाथ होने की बात साबित हो गई है। 

इमरान खान ने यह भी स्वीकार किया कि 9 सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर अल कायदा आतंकियों के हमले के बाद पाकिस्तान की सरकार ने आतंकियों के प्रति अपनी नीतियों में बदलाव किया था। लेकिन पाकिस्तानी आर्मी आतंकवादियों से अपने संबंध खत्म नहीं करना चाहती थी। 

दरअसल वहां मौजूद संवाददाताओं ने इमरान खान से पूछा कि अल कायदा के प्रमुख आतंकवादी ओसामा बिन लादेन की ऐबटाबाद में मौजूदगी और यूएस नेवी सील्स के हाथों मारे जाने की घटना की पाकिस्तान की सरकार ने जांच क्यों नहीं कराई? 

इस प्रश्न का जवाब देते हुए इमरान खान ने कहा कि 'हमने जांच की थी, लेकिन मैं कहूंगा कि पाकिस्तान आर्मी, आईएसआई ने 9/11 से पहले अल कायदा को ट्रेंड किया था। इसलिए, हमेशा लिंक जुड़ते रहे। आर्मी में कई ओहदेदार 9/11 के बाद बदली नीति से सहमत नहीं हुए।'

यही नहीं इमरान खान ने अमेरिका की जमीन पर बैठकर अमेरिका को ही दुनिया में आतंकवाद फैलाने का दोषी करार दिया और कहा कि पाकिस्तान ने 1980 में अमेरिका की मदद से सोवियत संघ के खिलाफ जेहाद छेड़ा था।  'अमेरिका की मदद से ISI ने दुनियाभर के मुस्लिम देशों से आतंकियों को बुलाकर ट्रेनिंग दी ताकि वे सोवियत यूनियन के खिलाफ जेहाद कर सकें।' इमरान ने कहा तब अमेरिकी राष्ट्रपति रॉनल्ड रीगन ने पाकिस्तान की बेहद तारीफ की थी। 
 

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