कश्मीर मामले पर पूरी दुनिया में अलग थलग पड़ चुके पाकिस्तान की उम्मीदें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से भी टूट गई हैं। उसके अध्यक्ष पोलैंड ने पाकिस्तान की दलीलों पर ध्यान देने से इनकार करते हुए कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय बातचीत के जरिए हल करने की वकालत की है।
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मौजूदा अध्यक्ष देश पोलैंड ने कश्मीर मसले के द्विपक्षीय हल का सुझाव दिया है। उसके सामने पाकिस्तान ने अपील की थी, जो कि भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के विभाजन और वहां धारा 370 हटाने से नाराज था।
भारतीय संसद के प्रस्ताव के ख़िलाफ़ पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपील की थी। लेकिन उसके वर्तमान अध्यक्ष पोलैंड ने इस मामले का हल द्विपक्षीय बातचीत से निकालने की नसीहत देकर पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
पोलैंड ने पाकिस्तान से बिल्कुल वही बात कही है, जो भारत सरकार का आधिकारिक रुख है। अर्थात कश्मीर द्विपक्षीय मामला है जबकि पाकिस्तान इसमें अंतरराष्ट्रीय दख़ल का प्रयास करता रहा है।
इस मुद्दे पर अपना रुख प्रकट करते हुए पोलैंड के राजदूत एडम बर्कोवस्की ने पाक से कहा है कि '370 को लेकर भारत भी पहले ही साफ कर चुकी है कि अनुच्छेद 370 के विषय में पाकिस्तान को ऐतराज जताने का नैतिक या कानूनी अधिकार नहीं है। जम्मू-कश्मीर, भारत का आंतरिक मामला है और प्रशासनिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए भारत फैसला कर सकता है। बर्कोवस्की ने कहा कि जब वो द्विपक्षीय शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो नजरिया साफ है। कोई भी देश किसी दूसरे मुल्क के प्रशासनिक मुद्दे को यूएन नहीं ले जा सकता है।
इसके पहले संयुक्त राष्ट्र संघ में स्थाई सदस्य देश रूस भी पाकिस्तान का विरोध कर चुका है। रूस का भी कहना था कि भारत ने नियमों के दायरे में ही धारा 370 पर फैसला किया है।
पोलैंड से पाकिस्तान को मिली हार के पीछे भी भारत की ही कूटनीति है। बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर मसले पर विदेश मंत्री जयशंकर ने पिछले दिनों पोलैंड के विदेश मंत्री के साथ बातचीत की थी। इसके बाद ही पोलैंड ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान को टका सा जवाब दे दिया।
ये पहला मौका है जब पोलैंड ने भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे गतिरोध पर प्रतिक्रिया दी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता इस महीने पोलैंड के पास है. सुरक्षा परिषद के सदस्य देश बारी-बारी से हर महीने अध्यक्षता करते हैं।