पीएम मोदी की कूटनीति का नया आयाम, रवांडा को 200 गाय का तोहफा

By Team Mynation  |  First Published Jul 24, 2018, 6:03 PM IST

प्रधानमंत्री ने कहा, 'गिरिंका कार्यक्रम रवांडा के ग्रामीण इलाकों में लोगों के जीवन में व्यापक बदलाव लाएगा। मैंने राष्ट्रपति कैगेमे से उन पहलों के बारे में बात की है, जो हमने भारत के गांवों के विकास के लिए शुरू की हैं।'

अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को नया आयाम देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकी देश रवांडा में कुपोषण के शिकार एक गांव को नायाब तोहफा दिया। पीएम मोदी भारत की सॉफ्ट पावर की छवि को बॉलीवुड और योग से आगे बढ़ाते हुए भारतीय सभ्यता का प्रतीक गाय को इसके केंद्र में ले आए।
 
पीएम मोदी अफ्रीका के तीन देशों के पांच दिवसीय दौरे पर हैं। वह भारत के पहले पीएम हैं, जो मध्य अफ्रीका के गरीब देशों में शामिल रवांडा पहुंचे हैं। उन्होंने यहां राष्ट्रीय आर्थिक कायाकल्प केंद्र को एक कार्यक्रम के तहत 200 गाय तोहफे के तौर पर भेंट कीं।

'गिरिंका' नाम की इस फ्लैगशिप योजना की शुरुआत रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कैगैमे ने की है। इसके तहत देश में प्रत्येक गरीब परिवार को एक गाय दी जाएगी। इसके लिए भारत ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है।  

1994 के नरसंहार के बाद रवांडा का 90 प्रतिशत पशुधन खत्म हो चुका है। रवांडा के अल्पसंख्यक तुत्सी समुदाय की मवेशी पालन संस्कृति को बर्बाद करने अथवा उन्हें भूखे मारने के लिए ऐसा किया गया था। अब रवांडा में लगभग शून्य से मवेशियों की संख्या बढ़ाने की रणनीति पर काम हो रहा है। 

प्रधानमंत्री ने कहा, 'गिरिंका कार्यक्रम रवांडा के ग्रामीण इलाकों में लोगों के जीवन में व्यापक बदलाव लाएगा। मैंने राष्ट्रपति कैगेमे से उन पहलों के बारे में बात की है, जो हमने भारत के गांवों के विकास के लिए शुरू की हैं।' 

गिरिंका कार्यक्रम को बच्चों के कुपोषण की दर को घटाने और प्रत्येक किसान परिवार की आमदनी बढ़ाने के मकसद से शुरू किया गया है। गिरिंका मॉडल के तहत, परिवार में एक गाय के आने से पोषक तत्व आएंगे, रोजगार आएगा, परिवार की एक निश्चित आय हो सकेगी और छोटी फसलों के लिए खाद मिल सकेगी। 

भारत में वैदिक युग की तरह  ही रवांडा में किसी व्यक्ति के पास गाय होने को उसकी संपन्नता के तौर पर देखा जाता था। बाद के वर्षों में गाय के कारण ही अल्पसंख्यक नरसंहार के केंद्र में आ गए। बहरहाल, अभी तक 2,03,000 परिवारों को इस योजना से लाभ पहुंचा है।

 भारत अफ्रीका में चीन से प्रतिस्पर्धा कर रहा है। इस महाद्वीप में चीन का दखल लगातार बढ़ रहा है। वह अफ्रीका का सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है। उसने जिबूती में अपना पहला सैन्य ठिकाना स्थापित कर लिया है। 

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देशों के बीच एक रक्षा सहयोग समझौते पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके अलावा भारत रवांडा को 200 मिलियन डॉलर का कर्ज देगा। इसमें इंडस्ट्रियल पार्क के विकास एवं किगाली स्पेशल इकनॉमिक जोन (एसईजेड) के लिए 100 मिलियन डॉलर तथा कृषि एवं सिंचाई के लिए 100 मिलियन डॉलर का कर्ज शामिल है। 
 

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