Premanand Maharaj Profile Vrindavan Wale: प्रेमानंद जी महाराज, वृंदावन वाले भारत के एक आध्यात्मिक संत हैं। इन्हें प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज के नाम से भी जाना जाता है। ये हिंदू धर्म प्रचारक और कथा वाचक हैं। वृन्दावन में रहते हैं और राधा रानी के भक्त हैं। वह हिंदू धर्म गुरु हैं जो अपनी आध्यात्मिक आस्था और प्रवचन के लिए प्रसिद्ध हैं। अपने आध्यात्मिक शिक्षण के कारण सोशल मीडिया पर भी बहुत पॉपुलर हैं। वह अपना ज्यादातर समय श्री राधा रानी और राधा वल्लभ मंदिर वृन्दावन में बिताते हैं। श्री हित प्रेमानंद महाराज जी को वृन्दावन रस महिमा के नाम से भी जाना जाता है। जानें प्रेमानंद जी महाराज, वृंदावन वाले के बचपन, परिवार, सन्यासी जीवन में बारे में पूरी डिटेल।

कौन हैं प्रेमानंद जी महाराज, वृंदावन वाले (Who is Premanand Ji Maharaj)

वास्तविक नाम अनिरुद्ध कुमार पाण्डे
उपनाम प्रेमानंद जी महाराज/प्रेमानंद गुरु जी, श्री हित
लोकप्रिय नाम प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज, वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज
जन्म   1963
आयु 60 वर्ष (2023 तक)
जन्म स्थान कानपुर, भारत
पिता शंभु पाण्डे
माता रमा देवी
वर्तमान पता वृंदावन
जाति ब्राह्मण
धर्म हिन्दू धर्म
ऊंचाई 5 फीट 7 इंच
वजन 68 किलोग्राम
आंखों का रंग काला
बालों का रंग काला

 

 

प्रेमानंद जी महाराज की पसंद, नापसंद क्या हैं ?

शौक आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़ना, ध्यान, योग, उपदेश 
पेशा उपदेशक/कथा वाचक, सन्त
रोल मॉडल/आदर्श ईश्वर
पसंदीदा गाना सभी भजन
फिल्में भक्ति फिल्में
भोजन साधारण शाकाहारी
स्पोर्ट्स योग  
अवकाश स्थान सभी धार्मिक स्थल
किताब पवित्र पुस्तकें
शो आध्यात्मिक शो
रंग केसरी

 

वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के परिवार में कौन-कौन हैं ? (Premanand Maharaj Family)

वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में सरसौल के अखरी गांव में  एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका असली नाम अनिरुद्ध कुमार पाण्डे था। इनके पिता शंभु पाण्डे आध्यात्मिक विचारों वाले थे और एक  किसान थे। मां का नाम रमा देवी था। इनके दादा संन्यासी थे।

प्रेमानंद जी महाराज ने सन्यासी बनने के बारे में कब सोचा और क्या किया ?
बचपन से ही प्रेमानंद जी चालीसा का पाठ करते थे। मिली जानकारी के अनुसार एक बार 5वीं कक्षा में पढ़ते हुए उन्होंने स्कूल में भौतिकवादी ज्ञान प्राप्त करने के महत्व पर सवाल किया था। जवाब की तलाश में आध्यात्मिक विचारों वाले अनिरुद्ध पाण्डे ने मात्र 13 साल की उम्र में अपना घर त्याग दिया। रात के वक्त वे अचानक घर से निकल गये।  

सन्यासी कैसे बने प्रेमानंद जी महाराज ?
घर त्यागने के बाद प्रेमानंद जी महाराज वाराणसी पहुंचे। गंगा किनारे बैठकर कर शिव भक्ति में लीन रहने लगे। वाराणसी में ही उन्होंने संन्यास ले लिया। जिसके बाद महावाक्य स्वीकार करने पर उन्हें स्वामी आनंदाश्रम नाम मिला। संन्यासी बनने के बाद उन्हें मां गंगा को अपनी दूसरी मां मान लिया। वाराणसी में वह हर रोज पेड़ के नीचे ध्यान लगाते थे और इसी दौरान वह श्री श्यामा श्याम की कृपा से वृंदावन की महिमा की ओर आकर्षित हुए।

 

वृंदावन कैसे आये प्रेमानंद जी महाराज ?
 प्रेमानंद महाराज जी जब वृन्दावन आये तो वे किसी को नहीं जानते थे। श्री बांकेबिहारी के दर्शन और वृन्दावन परिक्रमा महाराजजी की प्रारंभिक दिनचर्या का हिस्सा थे। उन्होंने अपने सदगुरु देव श्री गौरांगी शरण जी महाराज के निकट रहते हुए उन्हें दस वर्षों तक समर्पित सेवा दी। महाराज जी के जीवन का हर पहलू उनके सद्गुरु देव भगवान और श्री वृन्दावन धाम की असीम कृपा को दर्शाता है। फिलहाल प्रेमानंद जी महाराज का आश्रम परिक्रमा मार्ग, पुरानी कालीदहा, वृंदावन में है।

प्रेमानंद जी महाराज कार्य के लिए प्रसिद्ध हैं ? (Why Premanand Maharaj Is Famous)
प्रेमानंद जी महाराज, वृंदावन वाले आध्यात्मिक संत हैं जो अपने वृन्दावन सत्संग और प्रेरणा विचारों के लिए प्रसिद्ध हैं। वह लीवर की गंभीर समस्या से पीड़ित है, लेकिन वह राधा नाम का जप करने में अपनी बीमारी भूल गये। वह सदैव श्री राधा नाम का जाप करते हैं और वृन्दावन में रहते हैं। वह अक्सर वृन्दावन के राधावल्लभ मंदिर जाते रहते हैं। वह विश्व प्रसिद्ध हैं और अपने सकारात्मक विचारों के लिए जाने जाते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज के बारे में कुछ रोचक बातें कौन सी हैं ? (Premanand Maharaj Interesting Facts)

  • प्रेमानंद जी महाराज कभी कानपुर के एक सामान्य इंसान थे लेकिन अपने आध्यात्मिक विचारों के कारण उन्होंने संत बनने का फैसला किया।
  • उनकी किडनी पूरी तरह से खराब हो गई है लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी बीमारी को नजरअंदाज किया और अपना काम सर्वश्रेष्ठ तरीके से करते हैं।
  • वह इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सबसे प्रसिद्ध हिंदू धर्म गुरुओं में से एक हैं।
  • वह एक अच्छे मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं।
  • वह वृन्दावन में रहते हैं और अपना जीवन श्री राधा रानी जी वल्लभ मंदिर को समर्पित करते हैं।
  • प्रेमानंद जी महाराज अपने सत्संग वीडियो के लिए भी प्रसिद्ध हैं।
  • प्रेमानंद महाराज जी श्यामाश्याम के प्रेम में जाति, धर्म, क्षेत्रीयता, बुद्धिमान या गूंगे आदि का कोई भेदभाव नहीं देखते हैं और सभी को इसे प्राप्त करने के लिए समान रूप से पात्र मानते हैं।

 

प्रेमानंद जी महाराज की कुल संपत्ति कितनी है ? (Premanand Maharaj Net Worth)
प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज की कुल संपत्ति के बारे में जानकारी नहीं है क्योंकि वे पैसे के संग्रह में विश्वास नहीं करते हैं। वह एक शुद्ध संत हैं इसलिए वे हमेशा कर्म और मानव जीवन में अच्छे कर्मों के संग्रह में विश्वास करते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज की पत्नी कौन हैं? (Premanand Maharaj Wife)
सूत्रों के अनुसार, स्वामी प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज अविवाहित हैं क्योंकि वे संत हैं इसलिए उन्होंने शादी नहीं की और उन्होंने अपना जीवन भगवान को समर्पित कर दिया।

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