नई दिल्ली: मोबाइल कंपनी ओप्पो का लोगो टीम इंडिया की जर्सी से हट सकता है।  ओप्पो ने 2017 में वीवो को पछाड़ कर भारतीय क्रिकेट टीम की स्पॉन्सरशिप की बिड जीती थी। 

इसके लिए कंपनी और BCCI के बीच 2022 तक की स्पॉन्सरशिप के लिए 1079 करोड़ रुपए का करार हुआ था। कंपनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानि ICC के साथ भी 2016 में चार साल का स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रेक्ट किया था जो अब तक बरकरार है।

लेकिन अब ओप्पो ने विश्व कप क्रिकेट में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन को आधार बनाकर स्पॉन्सरशिप से हटने का मन बना रही है। 

हालांकि सच तो यह है कि विश्व कप मुकाबलों में भारत का प्रदर्शन जब बेहतर था तभी यह खबर आ गई थी कि ओप्पो टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप से हटना चाहती है। 

दरअसल इसकी वजह ये है कि ओप्पो कंपनी ने पिछले एक साल के दौरान भारत तमाम नए प्रोडक्ट्स लांच तो किए साथ ही धुंआधार विज्ञापन भी दिए। इतना कुछ करने के बाद भी कंपनी का भारत में मार्केट शेयर बढ़ता नहीं दिख रहा। 

भारतीय बाज़ार की बात करें तो आंकड़े बताते हैं कि विज्ञापनों पर इतना खर्च करने के बाद भी ओप्पो स्मार्टफोन बाज़ार में चौथे नंबर पर ही टिका हुआ है। इस बाज़ार में सबसे ऊपर है शियाओमी जिसका मार्केट शेयर पिछले काफी वक्त से ओप्पो से करीब पांच गुना ज्यादा है। 

लगातार नए प्रोडक्ट्स लाने और कैपेसिटी बिल्डिंग पर खर्च बढ़ने के कारण अब ओप्पो विज्ञापन पर खर्च में कटौती करने की शुरुआत कर चुका है। जिसका पहला नुकसान हुआ भारतीय क्रिकेट टीम को, जिसकी मुख्य स्पॉन्सरशिप से ओप्पो अब हाथ खींच रहा है। 

लेकिन कंपनी इसके लिए भारतीय क्रिकेट टीम के विश्व कप में प्रदर्शन को बहाना बना रही है। लेकिन दुनिया जानती है कि किसी एक मुकाबले में जीत या हार से भारतीय क्रिकेट टीम की ब्रांड वैल्यू इतनी ज्यादा गिरती नहीं है।