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Sawan 2024: जब रावण नहीं उठा पाया शिवलिंग! पहाड़ों के बीच हुई इस शिव मंदिर की स्थापना

Himachal Pradesh Baijnath Temple:सावन 2024 में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित बैजनाथ मंदिर के दर्शन करें। जानें इस प्रसिद्ध शिव मंदिर का इतिहास, रावण की तपस्या और यात्रा से जुड़ी सारी जानकारी।   

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Anshika Tiwari
Published : Jul 22 2024, 11:02 AM IST | Updated : Jul 22 2024, 11:04 AM IST
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1) सावन में घूमें फेमस शिव मंदिर

1) सावन में घूमें फेमस शिव मंदिर

सावन 2024 की शुरुआत हो गई है। भक्त बाबा भोले की खास पूजा-अर्चना के साथ उनका जलाभिषेक करते हैं। वहीं कई श्रद्धालु तो घूमने के लिए प्रसिद्ध शिव मंदिर (Famous Shiv Mandir) भी जाते हैं। अगर आप भी सावन के महीने में महादेव के दर्शन करना चाहते हैं तो हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों पर स्थित बैजनाथ मंदिर (Bajhnath Mandir) जा सकते हैं। इसे द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक माना जाता है। मान्यता है ये वहीं स्थान है जहां रावन ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी,जिसके बाद उसे बाबा भोले से वर प्राप्त हुआ था।

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2) बैजनाथ मंदिर का इतिहास

2) बैजनाथ मंदिर का इतिहास

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित बैजनाथ मंदिर प्रसिद्ध मंदरों में है। यहां को लेकर कई मान्यताए हैं,पहली तो ये कि बैजनाथ मंदिर की स्थापना खुद रावण ने की थी,जब भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कैलाश पर तपस्या शुरू की पर फल ना मलने पर उसने घोर तपस्या का रास्ता चुना और हवन कुंड में अपना सिर महादेव को अर्पित करना चाहा। इतने में शिव जी खुद प्रकट हुए और रावण से वरदान मांगने को कहा, रावण ने लंका में शिवलिंग स्थापित करने के साथ बलशाली होने का वर मांगा। हालांकि शिवलिंग स्थापना की शर्त थी कि उसे जमीन पर ना रखा जाये। लंका जाते समय रावण ने बैजू नामक चारवाहे को शिवलिंग पकड़ा दिया और उन्हें जमीन में न रखने की बात दोहराई,लेकिन वजन से परेशान होकर चारवाहे ने जमीन पर शिवलिंग रख दिया,इसी तरह वहीं शिवलिंग स्थापितहो गए। जिसे बाद में बैजनाथ मंदिर के नाम से जाना गया। यहां शिवलिंग के साथ-साथ कई और मंदिर भी है। 

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3) बैजनाथ मंदिर में नहीं मनता दशहरा

3) बैजनाथ मंदिर में नहीं मनता दशहरा

बता दें, बैजनाथ मंदिर की स्थापना रावण के कठोर तप और तपस्या से हुई थी। इसलिए बैजनाथ मंदिर में दशहरा नहीं मनाया जाता है। मान्यता है, क रावण शिव का प्रिय भक्त था,ऐसे में उसका वध का जश्न बनाना गलत है। किवदंतियों के अनुसार कई बार लोगों ने दशहरा मनाने की कोशिश भी की लेकिन यहां प्राकृतिक आपदा आ गई,जिसके बाद इसे भगवान का प्रकोप मानते हुए कभी दशहरा नहीं मनाया। 

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4)  कैसे पहुंचे कांगड़ा स्थित बैजनाथ मंदिर

4)  कैसे पहुंचे कांगड़ा स्थित बैजनाथ मंदिर

बैजनाथ मंदिर के दर्शन के लिए सीधे कोई शहर से ट्रेन  और बस नहीं जाती है। यहां का सबसे निकटतम रेववे स्टेशन अंदौरा है जो 65 किलोमीटर की दूरी पर है। हालाकि सभी प्रमुख शहरों से बैजनाथ मंदिर के लिए बस चलती है। बस स्टॉप बैजनाथ के पास स्थित है, जो लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर है। 

ये भी पढ़ें- Sawan 2024: सावन में घूम आएं त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग,जहां की ये बात कर देगी हैरान

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