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CJI को यौन उत्पीड़न मामले में क्लीन चिट पर हुआ प्रदर्शन Women activists protest

सुप्रीम कोर्ट के बाहर महिला कार्यकर्ता और वकीलो ने जमकर विरोध किया है। विरोध को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट परिसर के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई है।

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Team MyNation
Published : May 07 2019, 02:01 PM IST
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सुप्रीम कोर्ट के बाहर महिला कार्यकर्ता और वकीलो ने जमकर विरोध किया है। विरोध को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट परिसर के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई है। प्रदर्शनकारियों के कहना है कि महिला के सम्मान और न्याय के लिए यह लड़ाई है।

सुप्रीम कोर्ट के बाहर महिला कार्यकर्ता और वकीलो ने जमकर विरोध किया है। विरोध को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट परिसर के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई है। प्रदर्शनकारियों के कहना है कि महिला के सम्मान और न्याय के लिए यह लड़ाई है।

सुप्रीम कोर्ट के बाहर महिला कार्यकर्ता और वकीलो ने जमकर विरोध किया है। विरोध को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट परिसर के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई है। प्रदर्शनकारियों के कहना है कि महिला के सम्मान और न्याय के लिए यह लड़ाई है।
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सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रदर्शनकारियों ने महिला को न्याय दिलाने के लिए नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारियों का यह भी आरोप है कि कथित पीड़ित के बयान को गंभीरता से नहीं लिया गया। एक प्रदर्शनकारी महिला वाणी सुब्रमण्यम ने कहा कि न्याय का पैमाना सबके लिए समान होता है और यह उसी की लड़ाई है।

सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रदर्शनकारियों ने महिला को न्याय दिलाने के लिए नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारियों का यह भी आरोप है कि कथित पीड़ित के बयान को गंभीरता से नहीं लिया गया। एक प्रदर्शनकारी महिला वाणी सुब्रमण्यम ने कहा कि न्याय का पैमाना सबके लिए समान होता है और यह उसी की लड़ाई है।

सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रदर्शनकारियों ने महिला को न्याय दिलाने के लिए नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारियों का यह भी आरोप है कि कथित पीड़ित के बयान को गंभीरता से नहीं लिया गया। एक प्रदर्शनकारी महिला वाणी सुब्रमण्यम ने कहा कि न्याय का पैमाना सबके लिए समान होता है और यह उसी की लड़ाई है।
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बता दें कि यह प्रदर्शन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप से निपटने के लिए अपनाएं गए तरीके के खिलाफ किया जा रहा है। खास बात यह है कि सीपीएम नेता डी राजा ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई सुन रहे थे उसी समय एनी राजा बाहर प्रोटेस्ट कर रही थी।

बता दें कि यह प्रदर्शन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप से निपटने के लिए अपनाएं गए तरीके के खिलाफ किया जा रहा है। खास बात यह है कि सीपीएम नेता डी राजा ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई सुन रहे थे उसी समय एनी राजा बाहर प्रोटेस्ट कर रही थी।

बता दें कि यह प्रदर्शन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप से निपटने के लिए अपनाएं गए तरीके के खिलाफ किया जा रहा है। खास बात यह है कि सीपीएम नेता डी राजा ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई सुन रहे थे उसी समय एनी राजा बाहर प्रोटेस्ट कर रही थी।
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तीन जजों वाली आंतरिक कमेटी के एक स्वर में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को निर्दोष पाया और शिकायतकर्ता की शिकायत को खारिज कर दिया। पैनल ने अपने निष्कर्ष में कहा कि 19 अप्रैल से पहले जब शिकायतकर्ता ने 22 जजों संबंधी आरोप नहीं लगाए जबकि दिसंबर 2018 में अनुशासनात्मक करवाई को चुनौती देते समय उनके पास ये मौका था।

तीन जजों वाली आंतरिक कमेटी के एक स्वर में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को निर्दोष पाया और शिकायतकर्ता की शिकायत को खारिज कर दिया। पैनल ने अपने निष्कर्ष में कहा कि 19 अप्रैल से पहले जब शिकायतकर्ता ने 22 जजों संबंधी आरोप नहीं लगाए जबकि दिसंबर 2018 में अनुशासनात्मक करवाई को चुनौती देते समय उनके पास ये मौका था।

तीन जजों वाली आंतरिक कमेटी के एक स्वर में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को निर्दोष पाया और शिकायतकर्ता की शिकायत को खारिज कर दिया। पैनल ने अपने निष्कर्ष में कहा कि 19 अप्रैल से पहले जब शिकायतकर्ता ने 22 जजों संबंधी आरोप नहीं लगाए जबकि दिसंबर 2018 में अनुशासनात्मक करवाई को चुनौती देते समय उनके पास ये मौका था।
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महिला द्वारा जांच से हटने के बाद एकपक्षीय सुनवाई करके तैयार यह रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं कि गई है। कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने एक संक्षिप्त नोटिस जारी कर कहा कि आंतरिक कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की कोई बाध्यता नहीं है।

महिला द्वारा जांच से हटने के बाद एकपक्षीय सुनवाई करके तैयार यह रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं कि गई है। कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने एक संक्षिप्त नोटिस जारी कर कहा कि आंतरिक कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की कोई बाध्यता नहीं है।

महिला द्वारा जांच से हटने के बाद एकपक्षीय सुनवाई करके तैयार यह रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं कि गई है। कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने एक संक्षिप्त नोटिस जारी कर कहा कि आंतरिक कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की कोई बाध्यता नहीं है।
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इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2003 में इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट केस में दी गई व्यवस्था का हवाला दिया गया है। कोर्ट में दूसरे सबसे सीनियर जज एस ए बोबडे कमेटी के अध्यक्ष थे। जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी सदस्य थी। शिकायतकर्ता कमेटी की तीन सुनवाई में पेश हुई थी।

इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2003 में इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट केस में दी गई व्यवस्था का हवाला दिया गया है। कोर्ट में दूसरे सबसे सीनियर जज एस ए बोबडे कमेटी के अध्यक्ष थे। जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी सदस्य थी। शिकायतकर्ता कमेटी की तीन सुनवाई में पेश हुई थी।

इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2003 में इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट केस में दी गई व्यवस्था का हवाला दिया गया है। कोर्ट में दूसरे सबसे सीनियर जज एस ए बोबडे कमेटी के अध्यक्ष थे। जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी सदस्य थी। शिकायतकर्ता कमेटी की तीन सुनवाई में पेश हुई थी।

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