Airtel, Jio और Vi के फिर महंगे होंगे रिचार्ज! TRAI के नए नियमों से टेलीकॉम कंपनियों में हड़कंप
First Published Aug 7, 2024, 12:47 PM IST
TRAI के नए नियमों से टेलीकॉम कंपनियों की चिंता बढ़ गई है। BSNL5G की एंट्री और सख्त नियमों के चलते कंपनियां केंद्र सरकार से राहत की उम्मीद कर रही हैं। जानिए नए नियम, उनकी चुनौतियां और BSNL5G की अहम जानकारी
TRAI के फैसलों से परेशान हैं प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां
TRAI New Rule: ट्राई समय-समय पर नए फैसले लेता रहता है। लेकिन अब टेलीकॉम कंपनियों को इससे नुकसान उठाना पड़ रहा है। अब ऐसे फैसलों की वजह से टेलीकॉम कंपनियों की चिंता बढ़ गई है। इन सबसे निपटने के लिए कंपनियों ने प्लान भी बना लिया है। आज हम आपको नए नियमों और टेलीकॉम कंपनियों की फ्यूचर की योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके साथ ही हम BSNL5G से जुड़ी अहम जानकारी भी देंगे। जो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
BSNL5G की इंट्री से प्राईवेट टेलीकॉम कंपनियों में हड़कंप
दरअसल, एक तरफ जहां ट्राई की तरफ से नए नियम लागू किए गए हैं, वहीं दूसरी तरफ BSNL5G की एंट्री की खबर ने टेलीकॉम प्रोवाइडर्स की चिंता बढ़ा दी है।अब यह चिंता सेंट्रल गर्वनमेंट तक पहुंचने वाली है। क्योंकि कंपनियों ने ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए केंद्र सरकार का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। इसको लेकर एक नई रिपोर्ट भी सामने आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनियां बहुत जल्द केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर सकती हैं।
टेलीकॉम कंपनियों का दावा, ट्राई के नए रूल से यूजर्स पर पड़ेगा असर
इसको लेकर प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों की तरफ से जानकारी भी दी गई है। लेकिन एक बात साफ है कि अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा असर मोबाइल यूजर्स पर भी पड़ने वाला है, जो उन्हें काफी परेशान कर सकता है। ट्राई के फैसले ने सबको किया परेशान-ट्राई के नए नियम से टेलीकॉम प्रोवाइडर्स पर बोझ पड़ सकता है और नेटवर्क की लागत भी बढ़ सकती है। ईटी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस मुद्दे को लेकर कंपनियों के प्रतिनिधि जल्द ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर सकते हैं।
टेलीकॉम कंपनियों ने नए नियमों के बारे में क्या कहा?
प्राईवेट सेक्टर की तीनों दिग्गज कंपनियों का कहना है कि ऐसी अर्थव्यवस्था में इतने सख्त नियम किसी भी देश में नहीं हैं। इसका असर टेलीकॉम इंडस्ट्री पर भी पड़ता है और यूजर्स को मिलने वाला फायदा भी कम हो सकता है। ट्राई के नए फैसले में क्या-क्या बातें शामिल हैं- ट्राई ने सर्विस की क्वालिटी मापने के लिए नए मानक लागू किए हैं। यह फैसला 1 अक्टूबर से लागू होने जा रहा है। हालांकि इसमें कुछ नियम हैं, जैसे लगातार 24 घंटे नेटवर्क बाधित रहने पर यह जुर्माना देना होगा।
टेलीकॉम कंपनियों का क्या है फीडबैक?
टेलीकॉम कंपनियों की तरफ से कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री के साथ दूसरे दौर की बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। कई चीजें ऐसी हैं जो टेलीकॉम कंपनियों के हाथ में भी नहीं हैं। ऐसे में हमें उम्मीद है कि वह हमारी बात सुनेंगे। हम इस बारे में ट्राई से भी बात करेंगे और टेलीकॉम की चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। मामले पर पूरी चर्चा होगी और कुछ बिंदुओं के साथ हम अपनी बात भी रखेंगे। क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो टेलीकॉम कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
नए नियमों का विरोध करने की तैयारी में टेलीकॉम कंपनियां
इस मामले पर Airtel, Jio, Vi की संस्था सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने अपना बयान दिया है। संस्था का कहना है कि हम नए नियमों की सख्ती के खिलाफ जरूर हैं, लेकिन फिलहाल हम इनका पालन करेंगे। इन रूल्स का सीधा असर टेलीकॉम ऑपरेटरों पर पड़ने वाला है। क्योंकि इसका असर सभी पर पड़ेगा। इससे जहां टेलीकॉम ऑपरेटर्स की लागत बढ़ेगी, वहीं ग्राहकों को मिलने वाले लाभ पर भी इसका असर पड़ेगा।
नियमों का सख्ती से करना होगा पालन
अगर कोई नेटवर्क लगातार 12 घंटे तक डाउन रहता है तो उसे 1 दिन के तौर पर गिना जाएगा। यानी टेलीकॉम कंपनियों को 1 दिन की वैलिडिटी और देनी होगी। ब्रॉडबैंड सर्विस 3 दिन तक डाउन रहने पर कंपनियों को मुआवजा देना होगा। पहले मुआवजा राशि 50 हजार रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। 24 घंटे तक नेटवर्क आउटेज होने पर टेलीकॉम कंपनियों को भुगतान करना होगा। यानी टेलीकॉम कंपनियों को इस नेटवर्क को लेकर काफी सुधार करने होंगे। ट्राई के नियमों में कई अन्य चीजों को भी शामिल किया गया है। कंपनियों को ब्रॉडबैंड और वायरलाइन, वायरलेस सर्विसेज रेगुलेशन, 2024 का सख्ती से पालन करना होगा और ऐसा न करने पर जुर्माना देना होगा।