लाइफस्टाइल डेस्क। टेंशन और स्ट्रेस ना केवल डिप्रेशन को जन्म देता है बल्कि ज्यादा परेशान होने पर एंग्जायटी (Anxiety causes) का रूप ले लेता है। ये मेंटल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित करता है। कोई अपनी नौकरी से परेशान है तो कोई हेल्थ या फिर अन्य कोई वजह से। मानसिक तनाव फिजिकल हेल्थ से भी ज्यादा खतरनाक है। इसी बीच एक रिसर्च सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि टेंशन-डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों में खून का थक्का (Blood Clotting) जमने का खतरा 50 फीसदी अधिक है। ऐसे में जानते है एंग्जायटी क्या होती (what is anxiety)  है इसके लक्षण (Anxiety symptoms) क्या होते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है। 

1) कैसे होती है एंग्जायटी ? (Mental health and anxiety) 

एंग्जाइटी एक तरीके की मेंटल स्थिती है। जहां इंसान सकरात्मक नहीं बल्कि हर चीज को निगेटिव वे में लेता है और उससे डर सताने लगता है। जिसे फोबिया कहते हैं। एंग्जायटी में कई तरह के लक्षण भी दिखते है इसमें पसीना आना, हाथ कांपना, सांस फूलना और पेंट में ऐंठन हैं। वहीं समय रहते अगर इसका इलाज ना किया जाते तो ये भयानक रूप भी ले सकता है। 

2) किन वजहों से बढ़ता अटैक? (What causes anxiety attacks) 

1) अगर आप छोट सी छोटी चीज को ज्यादा सोचते हैं या अकेले महसून करते हैं। खुद से बात करने की आदत होती है,दूसरों की बातें बुरी लगती हैं और हमेशा चीजें दिमाग पप हावी होने लगती हैं। ये सभी लक्षण एंग्जायटी का कारण है। 

2) एंग्जॉयटी से पीड़ित व्यक्ति ब्रेन फॉग का शिकार हो जाता है। जहां उसे हर चीज में कंप्यूजन होने लगती हैं,वह चीजों को भूलने लगता है। या फिर चीजो में फर्क नहीं कर पाता है।

3) एंग्जाइटी से परेशान व्यक्ति हमेशा गुस्से में रहता है उसे इरिटेशन होती रहती है। सेल्फ कॉन्फिडेंस डाउन रहता है। छोटी-छोटी चीजों पर गुससा आना आम बोत हो जाती है। 

4) एंगजाइटी का सबसे ज्यादा असर नींद पर पड़ता है,जो इंसान एंगजाइटी से पीड़ित होगा,उसे नींद ना आने की शिकायत हमेशा रहेगी। 

3) एंग्जायटी दूर करने की तरीके (Anxiety prevention tips) 

1) अगर एंग्जायटी की समस्या से जूझ रहे हैं तो लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं। योगा के साथ मेडिटेशन को जिंदगी का हिस्सा बनाएं। ऐसे करने से दिमाग डायवर्ट होता है और तनाव से आराम मिलता है। 

2)  एंग्जायटी होने पर स्ट्रेट हॉर्मोन शरीर में तेजी से रिलीज होते हैं। इससे बचने के लिए हर रोज लगभग 15-20 मिनट ध्यान लगाएं,जो मन को शांत करने के साथ ही हैप्पी हॉर्मोन्स को रिलीज करता है। 

3) एंग्जायटी शरीर को भी कमजोर बनाती है। ऐसे में खाने में सब्जियों, फलों  और पौष्टिक आहारों को शामिल करें। 

4) अगर एंग्जायटी अटैक ज्यादा सीरियस हैं तो आप गार्डनिंग कर सकते हैं। ये खुद को बिजी रखने का सबसे बेहतरीन तरीका है,जो प्रकृति के बीच स्ट्रेस को कम करती है। इसके साथ ही आप किताबे पढ़ सकते हैं। जिसमें थ्रिलर, सस्पेंस हो जो बुक रिडिंग में दिलचस्पी बढ़ाए। 

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