हेल्थ डेस्क: पॉपुलर टीवी एक्ट्रेस जैस्मिन भसीन (Jasmin Bhasin) को जब से आंखों में दिक्कत हुई है तब से लोगों के मन में कॉन्टैक्ट लेंस को लेकर डर बैठ गया है। एक्ट्रेस को कुछ समय के लिए दिखना बंद हो गया था और आंखों में तेज दर्द से गुजरना पड़ा। आइए जानते हैं कि आंखों में लेंस (Disadvantages of Contact Lenses) पहनने से किन दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। 

सीरियर आई डिसऑर्डर (Serious Eye Disorders)

कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से ब्लेफेराइटिस, कंजंक्टिवाइटिस, केराटाइटिस, कॉर्निया में घर्षण आदि की समस्या हो सकती है। इस कारण से आंखों में तेजी से दर्द होता है। व्यक्ति को धुंधलापन और आंख से पानी आने की समस्या भी हो सकती है। अगर समय पर ट्रीटमेंट न लिया जाए तो समस्या गंभीर भी हो सकती है।

कॉन्टैक्ट लेंस से कॉर्नियल अल्सर

फंगस, बैक्टीरिया, परजीवी संक्रमण या वायरस आंखों के कॉर्निया में घाव बना देते हैं। अगर कॉर्नयल अल्सर का का समय पर इलाज न कराया जाए तो परमानेंट ब्लाइंडनेस हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो आंखों की रोशनी को वापस लाने का एकमात्र तरीका कॉर्नियल ट्रांसप्लांट होता है।

आंखों में इंफेक्शन (Eye Infections)

कॉन्टैक्ट लेंस पहनते समय बहुत सावधानी रखने की जरूरत होती है। अगर  कॉन्टैक्ट लेंस को सही से साफ ना किया जाए तो आंखों में हल्के से लगाकर गंभीर संक्रमण तक हो सकता है। संक्रमण के कारण आंखों में अल्सर भी होता है। डिस्पोजल लेंस से इन्फेक्शन के चांसेस कम रहते हैं।
 

आंखों में ड्राईनेस ( Dry Eye)

कॉन्टैक्ट  लेंस का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से आंखों में ड्राइनेस हो जाती है। आमतौर पर लोगों को ड्राइनेस पता नहीं चलती है लेकिन इसके लक्षणों के तौर पर आंखों से पानी आना, आंखों में लालिमा हर वक्त रहती है। व्यक्ति को लाइट सेंसटिविटी भी महसूस होती है।

आंखों में ऑक्सीजन की कमी

ज्यादातर लोग कॉन्टैक्ट लेंस पहनने के बाद उसे हटाना भूल जाते हैं। डॉक्टर 7 से 8 घंटे लेंस पहनने की सलाह देते हैं। अगर ज्यादा देर तक कॉन्टैक्ट लेंस पहने जाते हैं तो कॉर्निया को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। इस कारण से इंफेक्शन होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। 

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