हेल्थ डेस्क: 28 जुलाई को डॉ. बारुक ब्लबर्ग की जयंती के मौके पर हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बारुक ब्लबर्ग ने ही पहली बार 1967 को हेपेटाइटिस B वायरस की खोज की थी। उसी के दो साल बाद वायरस के खिलाफ वैक्सीन भी बनाई। हेपेटाइटिस A, B,C,D और E वायरस लिवर यानी कि यकृत में सूजन का कारण बनते हैं। अगर समय पर इलाज न मिले तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। आइए जानते हैं कैसे  हेपेटाइटिस वैक्सीन के बाद भी लोग इस वायरस का शिकार हो रहे हैं।

जानिए कैसे फैलता है खतरनाक हेपेटाइटिस वायरस

हेपेटाइटिस A- खराब पानी या खराब भोजन खाने से हेपेटाइटिस A वायरस शरीर में पहुंच जाता है। यह यकृत को संक्रमित कर बीमार बना देता है। समय पर टीका लगवाने और साफ- सफाई रखने से इस वायरस से बचा जा सकता है।

हेपेटाइटिस B- हेपेटाइटिस बी वायरस इंफेक्टेड व्यक्ति के ब्लड या फिर सीमन की मदद से दूसरे व्यक्ति में पहुंचता है। संक्रमित व्यक्ति लिवर सिरोसिस या फिर कैंसर जैसी गंभीर समस्या से ग्रसित हो सकता है। अगर मां को हेपेटाइटिस B संक्रमण है तो होने वाले बच्चे पर भी इसका असर होगा। 

हेपेटाइटिस C- सेक्स के माध्यम से, इंफेक्टेड इंजेक्शन के इस्तेमाल से या फिर संक्रमित खून चढ़ाने से हेपेटाइटिस C संक्रमण होता है। ऐसी कंडीशन को ठीक करने के लिए डॉक्टर एंटीवायरल मेडिसिन इस्तेमाल करते हैं।

हेपेटाइटिस D- जिन लोगों में हेपेटाइटिस बी वायरस मौजूद रहता है उन लोगों को हेपेटाइटिस D का भी अधिक खतरा रहता है।

हेपेटाइटिस E- भारत देश में हेपेटाइटिस E वायरस दूषित पानी से बहुत फैल रहा है।बेहतर स्वच्छता न होने से लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे है। 

बच्चों को जरूर लगवाएं हेपेटाइटिस के टीके

बच्चे के जन्म के बाद कुछ महीनों में हेपेटाइटिस A और B की डोज दी जाती हैं।  अगर बच्चे को टीके समय पर नहीं लग पाएं तो तुरंत इस बारे में डॉक्टर को बताएं। लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए  हेपेटाइटिस संक्रमण के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।

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