Cervical cance: 40 से 60 वर्ष के बीच की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के केस तेजी से देखने को मिल रहे हैं। ये हालत तब है जब देश में सर्वाइकल कैंसर के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। ये बात अलग है कि अभी तक वैक्सीन को फ्री नहीं किया गया है। महिलाओं के बीच इस कैंसर को लेकर बहुत कम जागरूकता है। साल 2023 में करीब 123,000 भारतीय महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर डायग्नोज किया गया है। इसमें 80,000 महिलाओं की मौत हो गई थी। कैंसर का सही समय पर डायग्नोज और ट्रीटमेंट महिला की जान बचा सकता है। जानते हैं क्या होता है सर्वाइकल कैंसर। 

 

सर्वाइकल कैंसर कैसे होता है?

ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है।ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है। सेक्शुअली एक्टिव महिलाओं को एचपीवी वायरस संक्रमण का खतरा अधिक होत है। ज्यादातर महिलाओं में संक्रमण के बाद लक्षण नजर नहीं आते हैं। कई मामलों में तो इम्यून सिस्टम ही वायरस को खत्म कर साफ कर देता है। वहीं कुछ लोगों में  HPV इंफेक्शन फैलाने के बाद कैंसर का कारण बन जाता है। बच्चेदानी में सेल्स एब्नॉर्मल ग्रोथ करने लगती हैं और कैंसर को जन्म देती हैं।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

  • पीरियड्स के बाद में ब्लीडिंग होना
  • थकान और भूख न लगना
  • वजाइन से लगातार बदबू आना
  • पीठ में लगातार दर्द 
  • वजन घटना 
  • योनि में दिक्कत महसूस होना
  • पैरों में सूजन।
     

सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन 

सर्विक्स से शुरू होने वाले सर्वाइकल कैंसर को वैक्सीन की मदद से काफी हद तक रोका जा सकता है। एचपीवी वैक्सीन की मदद से  ह्यूमन पैपिलोमा वायरस से करीब 95 फीसदी केस कम करने की क्षमता है। दुख की बात ये है कि लोगों में कम अवेयरनेस के कारण वैक्सीन का इस्तेमाल कम किया जा रहा है। चूंकि सभी एचपीवी वायरस के संक्रमण कैंसर का कारण नहीं बनते हैं। नौ में से दो वायरस कैंसर को जन्म दे सकते हैं। अगर समय पर सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन लगवा ली जाए तो खतरनाक बच्चेदानी के कैंसर से होने वाली मौत को रोका जा सकता है। एचपीवी वैक्सीन की दो से तीन डोज लेने से गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।

 

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