हेल्थ डेस्क: शरीर के विभिन्न प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से चलने के लिए किडनी अहम रोल अदा करती है। किसी कारण से एक किडनी खराब हो जाए तो दूसरी किडनी से भी हेल्दी लाइफ जी जा सकती है। लोगों के मन में 1 किडनी को लेकर कई मिथ होते हैं। जानिए किडनी से जुड़े कुछ मिथ और फैक्ट (Common Myths and Fact Related to Kidney) के बारे में।

मिथ:  किडनी डोनेट करने से प्रेग्नेंसी मुश्किल हो जाती है।

फैक्ट:  1 किडनी डोनेस करने से प्रेग्नेंसी  में किसी भी तरीके की दिक्कत नहीं होती है। किडनी दान करने के बाद भी मां स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है। किडनी डोनेशन से फर्टिलिटी पर कोई भी फर्क नहीं पड़ता है।

मिथ: एक किडनी होने से डायलिसिस की जरूरत जल्दी पड़ती है।

फैक्ट:अगर किसी व्यक्ति ने अपनी एक किडनी दान कर दी है तो वो बची 1 किडनी से भी लंबी लाइफ जी सकता है। एक किडनी से अच्छी लाइफ जीने के लिए हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाना भी जरूरी है। प्रॉपर गाइडेंस के साथ अगर अच्छी लाइफस्टाइल और हेल्दी डाइट ली जाए तो डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ती है।

मिथ: एक किडनी वाले व्यक्ति को हमेशा कुछ ना कुछ हेल्थ प्रॉब्लम बनी रहती है।

फैक्ट:लोगों के मन में ये गलत धारणा रहती है कि एक किडनी वाला व्यक्ति हमेशा बीमार रहता है। जबकि यह सच नहीं है अगर डॉक्टर से प्रॉपर गाइडेंस लिया जाए तो एक किडनी की मदद से भी व्यक्ति हेल्दी लाइफ जी सकता है। साथ ही जरूरत पड़ने पर दावाओं का सेवन भी कर सकता है।

मिथ: एक किडनी होने पर कम मात्रा में सब्जी और फल खाना चाहिए।

फैक्ट: ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। एक किडनी होने पर भी व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में सब्जियां और फल खा सकता है। फ्रूट्स और वेजीटेबल्स में फाइबर होते हैं जो शरीर को विभिन्न प्रकार की समस्याओं से बचने का काम करते हैं।

मिथ: साबुत अनाज, मेवे, बीज और फलियों में फास्फोरस ज्यादा होता है जो किडनी को नुकसान पहुंचाता है। 

फैक्ट:आधे कप साबुत अनाज में लगभग 200 मिलीग्राम फॉस्फोरस होता है। शरीर केवल आधा हिस्सा ही फास्फोरस अवशोषित कर पाता है। फास्फोरस हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है। इसलिए 1 किडनी होने पर भी डायट में साबुत अनाज, मेवे, बीज और फलियों का सेवन करना चाहिए।

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