खराब लाइफस्टाइल के कारण बच्चों में नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर की समस्या (Non Alcoholic Fatty Liver Disease in Children) पैदा हो रही है। लाइफ़स्टाइल में कुछ बदलाव इस गंभीर बीमारी के खतरे को कम कर सकते हैं।
Non Alcoholic Fatty Liver Disease in Children: हमारे शरीर में लिवर का अहम रोल होता है। जब लिवर के आसपास बहुत फैट इकट्ठा हो जाता है तो फैटी लिवर की समस्या हो जाती है। आजकल बच्चों में फैटी लिवर डिसीज ज्यादा देखने को मिल रही है। बच्चों में फैटी लिवर की समस्या ज्यादातर खराब लाइफ़स्टाइल अपनाने के कारण हो रहा है। अगर पेरेंट्स कुछ बातों पर ध्यान दें तो इस समस्या से बचा जा सकता है। जानिए बच्चों की लाइफॉस्टाइल में परिवर्तन के साथ ही किन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है।
लाइफ़स्टाइल में चेंज के कारण हो रही है बच्चों में नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर की समस्या
अगर आकड़ों की मानें तो ग्लोबली करीब 7.6 परसेंट बच्चे नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीज से बीमार पड़ रहे हैं। इस बीमारी के कारण लिवर डैमेज हो जाता है। साथ ही सिरोरिस, दिल से संबंधित बीमारियों और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। खराब नींद, खराब डाइट और अनुवांशिकी इस बीमारी की जिम्मेदार है। नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीज का खतरा कुछ बातों को ध्यान रख कम किया जा सकता है।
- खाने में न्यूट्रीशन वाले फूड्स करें शामिल
पेरेंट्स बच्चों को खाने में सीजनल फ्रूट्स के साथ ही रोजाना ताजा बना खाना दें। बच्चों को फास्ट फूड्स, बाहर का तला-भुना खाना आदि से रोकना चाहिए।
- स्वीट ड्रिंक्स है खतरनाक
बच्चों को स्वीट ड्रिंक्स बहुत पसंद होती है। इनमें अधिक मात्रा में शुगर होता है। वहीं कुछ प्रोसेस्ड फूड्स में भी शुगर हाई होती है। बच्चों को शुगर वाले बाहरी फूड्स से दूर रखें। अगर मीठा देना ही है तो नैचुरल शुगर जैसे कि जूस या फलों का सेवन किया जा सकता है।
- खेलने के लिए न करें मना
बच्चों का अब स्क्रीन टाइम बहुत बढ़ गया है। उन्हें घर के बाहर खेलने में अच्छा नहीं लगता है। बच्चों को नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीज से बचाने के लिए फिजिकल एक्टिविटी बहुत जरूरी है। करीब 1 घंटे तक बच्चों को पार्क में खिलाएं।
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Last Updated Mar 7, 2024, 1:28 PM IST