हेल्थ डेस्क:एक्टर सलमान खान की दरियादिली के बारे में हर कोई जानता है। अब एक खास खुलासा हुआ जिसके बारे में कम ही लोग जानते होंगे। एक्टर सलमान खान ने साल 2011 में 10 साल की बच्ची की जान बचाने के लिए बोन मैरो डोनेट किया था। साल 2010 में सलमान पहले बोन मैरो डोनेट करने वाले भारतीय बने।

जीवत रहने के लिए बच्ची को चाहिए था बोन मैरो

पिंकविला की रिपोर्ट के मुताबिक 10 साल की बच्ची की तबियत खराब थी। उसे जीवत रहने के लिए बोन मैरो की जरूरत थी। बोन मैरो डोनर जब नहीं मिला तो एक्टर सलमान खान ने दरियादिली दिखाई। सलमान ने बोन मैरो डोनट किया जो कि लड़की को ट्रांसप्लांट किया गया। 

क्यों होती है बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत? 

बोन मैरो स्पॉन्जी टिशू या ऊतक होते हैं जो हड्डियों के सेंटर में उपस्थित होता है। हेल्दी बोन मैरो को शरीर का आवश्यक अंग माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बोन मैरो में स्टेम सेल्स होती है। स्टेम सेल्स से ब्लड सेल्स प्रोड्यूज होती हैं। इसी कारण से इम्यून सिस्टम तैयार होता है। जब कैंसर के इलाज के दौरान कीमोथेरिपी दी जाती है तो बोन मैरो लॉस होता है। वहीं ब्लड कैंसर या ब्लड डिसऑर्डर पेशेंट्स को भी बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। पेशेंट को बोन मैरो ट्रांसप्लांट कर जान बचाई जा सकती है। 

कौन कर सकता है बोन मैरो डोनट?

बोन मैरो डोनेट कोई भी स्वस्थ्य व्यक्ति कर सकता है। भारत में बोन मैरो डोनेशन के बारे में कम ही लोगों को जानकारी है। डोनर और रिसीवर के अस्थिमज्जा का मैच पहले किया जाता है। HLA रक्त प्रोटीन की मदद से HLA टाइपिंग की जाती है। डॉक्टर डोनर और रिसीवर के हाई नंबर एंटीजन मैच कराने के बाद ही बोन मैरो ट्रांसप्लांट का निर्णय लेते हैं। करीब 30%  पेशेंट को अपनी फैमिली से ही आसानी से डोनर मिल जाता है। बोन मैरो डोनेट करने पर शरीर में किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है।

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