BPSC Success Story: कठिन से कठिन परिस्थिति आपकी मेहनत और दृढ़ संकल्प के सामने टिक नहीं सकती। बिहार के बैजू पासवान की सफलता की कहानी इसका उदाहरण है, जो बिहार के समस्तीपुर जिले के गंगापुर प्रखंड के एक छोटे से किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। बैजू ने 68वीं BPSC परीक्षा पास कर कल्याण पदाधिकारी का पद हासिल किया और यह साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत और सही दिशा में प्रयास से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

किसान पिता कड़ी मेहनत कर चलाते थे परिवार

बैजू पासवान का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के गंगापुर गांव में हुआ था। उनके पिता खोनी पासवान एक किसान हैं, जो गांव में खेती कर परिवार का भरण-पोषण करते थे। खेतों में कड़ी मेहनत करने वाले उनके पिता ने हमेशा परिवार के लिए सबकुछ किया, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। इस कठिन परिस्थिति में बैजू ने ठान लिया था कि वह अपनी पढ़ाई से अपने परिवार की हालत सुधारेंगे।

मैट्रिक पास करने के बाद प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना

बैजू पासवान ने बचपन से ही पढ़ाई में रुचि दिखाई। वह गांव के स्कूल में पढ़ते थे और बेहद मेहनती छात्र थे। मैट्रिक की परीक्षा के बाद से ही उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना देखा और उसी समय से उस दिशा में प्रयास शुरू कर दिया। वह जानते थे कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है, लेकिन उन्होंने इसे कभी अपने सपनों की राह में रुकावट नहीं बनने दिया।

12वीं के बाद टीचर के पद पर चयन

12वीं की पढ़ाई के बाद बैजू का चयन एक प्राथमिक शिक्षक के पद पर हो गया था। इस नौकरी से भले ही उन्हें स्थिरता मिली हो, लेकिन वह इससे संतुष्ट नहीं थे। उनका सपना इससे कहीं बड़ा था। उन्होंने मन में ठान लिया कि उन्हें BPSC की परीक्षा पास करनी है, चाहे इसके लिए उन्हें कितनी भी मेहनत करनी पड़े। 

परिवार ने हर परिस्थितियों में दिया साथ

BPSC परीक्षा की तैयारी करना कोई आसान काम नहीं होता, खासकर तब जब आपको आर्थिक संघर्षों का सामना करना पड़े। बैजू के पास महंगे कोचिंग सेंटर जाने का विकल्प नहीं था, लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। उन्होंने खुद से पढ़ाई की और ऑनलाइन प्लेटफार्म्स, किताबें, और नोट्स का सहारा लेकर अपनी तैयारी को आगे बढ़ाया। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और दोस्तों को देते हैं। उनके माता-पिता ने हर परिस्थिति में उनका साथ दिया, भले ही उनके पास संसाधनों की कमी हो। उनके दोस्त भी उन्हें लगातार पढ़ाई के लिए प्रेरित करते रहते थे। यह साथ और समर्थन उनकी सफलता की अहम वजह बना।

सही दिशा में किया गई मेहनत आई काम

बैजू की सफलता की सबसे बड़ी वजह उनकी सही दिशा में की गई मेहनत थी। उन्होंने बिना किसी भटकाव के अपनी पढ़ाई जारी रखी और एक स्पष्ट लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए काम किया। उन्होंने अपने लिए छोटे-छोटे लक्ष्य तय किए और उन पर काम किया। इस तरह उन्होंने धीरे-धीरे अपने बड़े लक्ष्य को हासिल किया।

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