हरदोई । एक मिडिल क्लास फैमिली के इंसान को एक घर बनाने में अपनी पूरी पूंजी लगानी पड़ जाती है, मकान की लोकेशन, मकान का प्राइस, मकान का इंटीरियर, सब कुछ तय करने के बाद ही आदमी मकान बनाने खड़ा होता है।  लेकिन इन दिनों हरदोई में जमीन के अंदर बने इरफान उर्फ पप्पू बाबा का महल चर्चा का विषय है। पप्पू को एक खूबसूरत घर बनाने की ख्वाहिश थी लेकिन पिता की मौत के बाद उनके सारे सपने चूर हो गए।

कौन है इरफ़ान 
हरदोई के शाहबाद कस्बे के मोहल्ला खेड़ा बीबीजई के रहने वाले इरफान उर्फ पप्पू बाबा दिल्ली में सिलाई का काम करते थे।  साल 2010 में उनके पिता की मौत हुई तो इरफ़ान गांव  वापिस आ गए लेकिन उनका दिल किसी काम में न लगा।  इरफ़ान को पिता की मौत का ग़म खा रहा था। उन्होंने चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। फिर  अपने गांव की पुश्तैनी ज़मीन पर ऊंचे मिट्टी के टीले को खोद कर अंदर  दो मंजिला महल खड़ा कर दिया। 


2011 से इस महल को  बना रहे हैं
इरफान कहते हैं कि अब्बा की मौत के बाद मेरा किसी चीज़ में दिल न लगा, हमारे शहर में दो दरगाहें हैं, लेकिन मुझे वहां जगह न मिली  फिर मुझे फकीरी का ख़याल  आया।  और मैंने सोचा मेरी पुश्तैनी ज़मीन है उसी को अस्ताना बनांते हैं, फिर मैंने  2011 में इस महल को खुरपे से तराशना शुरू किया। आज इस महल में ११ कमरे बना चुका हूं। एक बैठक है, बालकनी है , मस्जिद का नक्शा है , सीढिया हैं , नमाज़ पढ़ने के लिए एक जगह तैयार की है। 20 फ़ीट की गहराई में एक छोटा चबूतरा बना कर तिरंगा भी लगाया है। 

 

महल में बनाया कुंआ 

इरफ़ान कहते हैं मैं खाना खाने अपने दूसरे  घर जाता हूं।  वहां अम्मी हैं और बहन है।  शादी मैंने किया नहीं। पूरा दिन मेरा इस घर को बनाने में गुज़र जाता है , रात में यहीं सोता हूं।  महल के बाहर के हिस्से में बागबानी की है। अंदर और बाहर जाने के लिए दो अलग गेट बनाए हैं। महल तक पहुचने के लिए पगडंडी बनाई है जिसके सहारे महल तक पहुंचा जा सकता है। इरफ़ान ने इसमें एक कुआं  भी बनाया था जिसमे साफ़ पानी निकलता था लेकिन कुछ लोगों ने उस कुंवे को गंदा कर दिया। महल के अंदर नक्काशी भी है। 

इरफ़ान का महल वास्तुकला का नमूना 

वीडियो वायरल हुआ तो तमाम लोग इरफ़ान के महल को देखने आ रहे हैं।  इस महल को वास्तुकला का नमूना कहा जा रहा।  हर इंसान इरफ़ान की इस कलाकारी को देख कर हैरान है की कैसे एक खुरपे से  ज़मीन के अंदर दो मंज़िला 11 कमरे की इमारत तैयार कर दिया। 

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