मुंबई के लोकमान्य तिलक नगर स्लम में रहने वाले अभिषेक सुजीत शर्मा अब झुग्गी के लड़के से आईआईटियन बन गए हैं। उन्हें IIT रूड़की में एडमिशन मिला है। जेईई एडवांस रिजल्ट उनकी लाइफ का ​टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। अभिषेक का सफर आसान नहीं था; आसपास पढ़ाई-लिखाई का माहौल नहीं, ज्यादातर लोग नशे की गिरफ्त में हैं।  खुद का इंटरनेट खत्म होने पर दूसरों के वाई फाई का सहारा लिया। चतुराई से हर बाधा को पार कर सफलता की कहानी लिखी।

पिता मजदूर, चॉल में किराए का कमरा

झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लड़कों के लिए अभिषेक एक मिसाल बनकर उभरे हैं। पिता एक स्टील फैब्रिकेशन कंपनी में मजदूर हैं। महज 3,000 रुपये महीने की कमाई। हरद चॉल में एक छोटा सा किराए का कमरा। परिवार के चार सदस्यों का एक ही कमरे में गुजारा। कुकिंग से लेकर स्टडी और सोने तक के लिए यही ठीकाना था। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि अभिषेक का सफर कितना कठिन रहा होगा।

चॉल के ज्यादातर लोग नशे के आदी, पैरेंट्स ने किया ये त्याग

एक वीडियो में अभिषेक कहते हैं कि इलाके में ज्यादातर लोग नशा करते हैं। इस वजह से आए दिन शोर-शराबा और झगड़े होते रहते हैं। जिन बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है। वह खेलने में लग जाते हैं। चॉल में बुनियादी सुविधाओं का बेहद अभाव है। उनका खुद का टॉयलेट तक नहीं है। परिवार सार्वजनिक शौचालय का यूज करता है। माता-पिता ने उनको आगे बढ़ाने के लिए बहुत त्याग किए। बेटा बिस्तर पर आराम से पढ़ सके। इसलिए पैरेंट्स जमीन पर सोते थे। यही उनके लिए सबसे बड़ा मोटिवेशन बना और उन्होंने अपना पूरा फोकस पढ़ाई पर रखा।

दूसरों के वाई-फाई का यूज कर पढ़ाई

अभिषेक के सामने मुश्किलों का अंबार था। आर्थिक तंगी की वजह से इंटरनेट की सीमित सुविधा थी। डेटा खत्म हो जाने पर दूसरों के वाई-फाई का यूज कर पढ़ाई की, उसके लिए छत पर जाना पड़ता था। सबसे बड़ी जंग आसपास की संदिग्ध गतिविधियों से बचना था। वह ऐसे लोगों से दूर रहते थे। आपको बता दें कि हालिया फिजिक्स वाला के संस्थापक अलख पांडे ने मुंबई की झुग्गी का दौरा किया। अभिषेक को बधाई दी और परिवार के साथ लंच किया। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 

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