मुंबई: देश भर में अक्सर मेंटली चैंलेज्ड लोगों के गुम होने की खबरें आती रहती हैं। मुंबई के रहने वाले डेटा इंजीनियर अक्षय रिडलान उस प्रॉब्लम का सॉल्यूशन लेकर आए हैं। उन्होंने क्यूआर कोड वाला ऐसा लॉकेट बनाया है, जो मेंटली चैलैंज्ड (मानसिक रूप से अस्वस्थ) लोगों के गुम हो जाने पर उनकी पहचान में मदद करता है। माई नेशन हिंदी से बात करते हुए अक्षय रिडलान कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति क्यूआर कोड को स्कैन करके ऐसे लोगों की फैमिली के बारे में जान सकता है और उन्हें उस शख्स की रियल लोकेशन के बारे में सूचना दे सकता है। यह लॉकेट गुम हुए मेंटली चैलेंज्ड लोगों को खोजने में फैमिली की मदद करता है। 

यह डिवाइस बनाने का कैसे आया विचार?

दरअसल, अक्षय रिडलान का डॉग मई 2020 में खो गया था। हुआ यूं कि उनके घर के पास एक शादी समारोह का आयोजन हुआ था। जिसमें जोरदार आतिशबाजी हो रही थी। तेज आवाज की वजह से उनका डॉग वो एरिया छोड़कर निकल गया और फिर कभी नहीं लौटा। उन्होंने उसे खोजने की बहुत कोशिश की। सोशल मीडिया पर भी इस बारे में पोस्ट डालें। पर उसका कोई फायदा नहीं हुआ। इस घटना ने अक्षय को इस तरह का डिवाइस बनाने के लिए प्रेरित किया, जो पेट्स के गुम हो जाने पर उनकी सुरक्षित वापसी में मददगार हो। 

पहले पेट्स के लिए बनाया डिवाइस, आधार की तरह करता है काम

अक्षय ने पहले पेट्स के लिए क्यूआर कोड वाला एक अनोखा कॉलर बनाया, जो स्कैन करने पर पेट्स के बारे में सभी तरह की जानकारी देता है। मसलन, पेट्स का नाम, मेडिकल हिस्ट्री समेत केयर टेकर की कॉन्टेक्ट डिटेल्स भी उसमें मिलती है। हालिया, उन्होंने मुंबई में आवारा कुत्तों को टैग करने के लिए बीएमसी के साथ मिलकर एक पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया। मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (CSMIA) के आसपास रहने वाले ऐसे 20 कुत्तों को टैग किया गया। यह डॉग के लिए क्यूआर कोड युक्त आधार की तरह काम करेगा।

फिर मेंटली डिसएबल लोगों के लिए लाएं लॉकेट

अक्षय कहते हैं कि देश में हर साल हजारों की संख्या में मेंटली डिसएबल लोग गुम हो जाते हैं। अक्सर अल्जाइमर, डिमेंशिया के पेशेंट भी अपने घर का एड्रेस नहीं बता पाते हैं। इनमें से जो लोग अपने परिवार से मिल नहीं पाते हैं, वह सड़कों पर जीवन गुजारते हैं। उनके लिए क्यूआर कोड वाला पेंडेंट बनाया। जिसे बीते 13 सितम्बर को प्रसिद्ध डॉ. स्वाति पीरामल ने लॉन्च किया है। अक्षय अभी लोगों को फ्री में यह पेंडेंट उपलब्ध करा रहे हैं। कोई भी व्यक्ति उनकी वेबसाइट (projectchetna.in) पर रजिस्टर्ड करके इसे प्राप्त कर सकता है। 

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