लखनऊ। आपने 'थ्री इडिएट' मूवी के किरदार रैंचो को देखा होगा। कन्नौज के अवनि कुमार शुक्ला ठीक वैसा ही किरदार आम जिंदगी में निभा रहे हैं। साल 2002-03 में वीसीआर और इलेक्ट्रानिक आइटम की मरम्मत ही उनके जीवन-यापन का जरिया था। समय के साथ तेजी से तकनीक बदली। आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी भी बदलनी शुरु हुई। अवनि भी नई तकनीकों को सीखकर आगे बढ़त रहें और लोगों की जरुरतों को देखते हुए इनोवेशन करते रहें, जो आम लोगों की जिंदगी बदल रही है।

ऐसे हुई इनोवेशन की शुरुआत

अवनि द्वारा इनोवेशन की शुरुआत भी एक्सीडेंटली हुई। उनकी दुकान के पास स्थित एक अस्पताल की मशीन खराब हो गई थी। मशीन की मेंटीनेंस करने आए मैकेनिक ने 2.5 लाख रुपये की डिमांड रखी। अवनि ने मात्र 700 रुपये में मशीन की खामी दुरुस्त कर दी। एक शख्स ने उनकी प्रतिभा देखी तो लोगों की सहूलियत के लिए डिवाइस बनाने का सुझाव दिया। बस, वहीं से उन्होंने इनोवेशन की शुरुआत कर दी।

एंटी थेफ्ट डिवाइस बनाकर चौंकाया

माई नेशन हिंदी से बात करते हुए अवनि कुमार शुक्ला कहते हैं कि उन्होंने घरों में चोरी की बढ़ती वारदातों को देखते हुए एंटी थेफ्ट डिवाइस बनाई, जो चोरी की स्थिति में आगाह करती है। साल 2011—12 में कार में लगने वाला जीपीएस सिस्टम बनाया। उसमें सपोर्ट नहीं​ मिला तो थोड़ी निराशा हुई। पर अवनि निराश नहीं हुए। अवनि ने कार चोरी रोकने के लिए एक सुरक्षा उपकरण बनाया। यह उपकरण कार लॉक करने के साथ कार चोर की  फोटो खींचकर मालिक को भेज देता है और कार मालिक को कॉल कर सूचना भी देता है कि कार चोरी का प्रयास हो रहा है। 

बाइक चालकों की सुरक्षा को स्मार्ट हेलमेट

साल 2014-15 में अवनि शुक्ला ने स्मार्ट हेलमेट डिवाइस विकसित की। इस हेलमेट की खूबी यह है कि यदि चालक ने ज्यादा शराब पी ली है तो यह बाइक नहीं चलेगी और बाइक चोरी को भी रोकती है। 

खेत को छुट्टा जानवरों से बचाता है फसल गार्ड

अवनि ने एक दिन खेतों के किनारे लगे कंटीले तारों से घायल गाय को देखा और छुट्टा जानवरों से फसलों को बचाने के लिए कुछ बनाने का निर्णय लिया। कुछ ही दिनों में उन्होंने एक इलेक्ट्रानिक डिवाइस तैयार कर दी, जो फसलों को जानवरों से तो बचाती ही है, साथ ही उन खुराफाती तत्वों की भी वीडियो क्लिप पांच मिनट के अंदर किसान के मोबाइल पर भेज देती है, जो लोग फसल को जानबूझकर नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। 

गनशॉट की आवाज और लाइट देखकर भाग जाते हैं जानवर

अवनि कहते हैं कि इस डिवाइस में इमेज प्रोसेसिंग आधारित कैमरा लगा है, जो सोलर एनर्जी से चलता है। यदि कोई जानवर खेत में प्रवेश करता है तो डिवाइस गन शॉट की तेज आवाज और लाइट निकालता है। जिसे सुनकर जानवर खेत से भाग जाते हैं। फिर भी यदि पांच मिनट तक जानवर खेत से नहीं भाग रहे हैं या फिर बार-बार खेत में ही आ रहे हैं तो यह डिवाइस उसकी वीडियो क्लिप किसान के मोबाइल पर भेज देगा। यह डिवाइस करीब एक एकड़ खेत को सुरक्षा प्रदान करता है। खेत में लगी डिवाइस को चोरी करना बहुत ही मुश्किल है। एक तो डिवाइस चोर को बिजली का तेज झटका देगा और जीपीएस इनबिल्ड होने की वजह से तुरंत उसकी लोकेशन पता चल जाएगी। 

सेफ चाइल्ड डिवाइस पैरेंट्स को देता है अलर्ट

बीते वर्षों कुशीनगर में मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर स्कूली वैन हादसे का शिकार हुई थी। इस घटना ने अवनि को अंदर तक झकझोर कर रख दिया। बच्चों की सुरक्षा के लिए अवनि ने सेफ चाइल्ड डिवाइस तैयार की। गलत तरीके से ड्राइविंग करने पर ये डिवाइस स्कूल, पैरेंट्स और वाहन चालक तीनों को अलर्ट करती है। बस बच्चों को स्कूल में ड्राप कर देती है तो उसका मैसेज पैरेंट्स के मोबाइल पर आ जाता है। गाड़ी में कैमरा भी लगा होगा। पैरेंट्स अपने बच्चों को लाइव देख भी सकते हैं। ड्राइवर से भी बात कर सकते हैं।

एंटी स्लीप डिवाइस पैसेंजर को रखेगा सुरक्षित

आगरा एक्सप्रेस-वे पर आए दिन हादसों की खबर आम है। ज्यादातर दुर्घटनाएं ड्राइवर के झपकी लेने की वजह से होती हैं। ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण के लिए अवनि ने एंटी स्लीप डिवाइस बनाई है। ड्राइवर को नींद या झपकी आने पर सेंसरयुक्त यह डिवाइस आवाज करती है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अफसरों ने डिवाइस को परखा भी है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर बसों में यूज भी किया जा चुका है। 

कोरोना महामारी में बनाया सेंसर गन

अवनि ने कोरोना महामारी में कम कीमत में ऐसी सेंसर गन बनाई थी। जिसके सामने आने पर व्यक्ति महज तीन सेकेंड में सिर से पैर तक सैनिटाइज हो जाता था। इस आटोमेटिक डिवाइस को छूने की भी जरुरत नहीं पड़ती है।