कुशीनगर की काजल श्रीवास्तव ने तकनीक की मदद से नाड़ी परीक्षण के लिए एक डिवाइस बनाया है। आयुर्वेद थेरेपी में जिस तरह वैद्य नाड़ी देखकर रोगों का पता लगाते थे। ठीक उसी तरह रिस्ट बैंड की शक्ल में व्यक्ति की कलाई में बंधा यह डिवाइस भी मिनट भर में सेहत के राज खोलेगा।
कुशीनगर। आयुर्वेद में नाड़ी परीक्षण कर वैद्य लोगों को सेहत का हाल बताते हैं। कुशीनगर की काजल श्रीवास्तव ने नाड़ी पल्स नाम से एक डिवाइस बनाकर नाड़ी परीक्षण की उसी टेक्निक को डिजिटल तरीके से रिवाइज करने की कोशिश की है। यह डिवाइस नाड़ी पढ़ता है और उसकी रिपोर्ट देता है। मरीज के हाथ में लगा रिस्ट बैंड (स्ट्रैप) और ऐप के जरिए लोग अपनी सेहत का हाल जान सकेंगे और समय रहते रोगों का इलाज करा सकेंगे।
कैसे काम करेगा नाड़ी पल्स
यह उपकरण (नाड़ी पल्स) नाड़ी में हुए बदलाव की गणना कर सेहत का हाल बताएगा। एक ऐप से कनेक्ट सेंसर युक्त डिवाइस कलाई में बांधा जाएगा, जो मिनट भर में अपनी गणना पूरी कर लेगा और एप पर जरुरी जानकारी आ जाएगी।
डिवाइस की कीमत 8 हजार रुपये
काजल श्रीवास्तव के पिता कृष्ण मोहन श्रीवास्तव वैद्य हैं। काजल को अपने पिता से यह डिवाइस बनाने की प्रेरणा मिली। जीएल बजाज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के दौरान यह उनके फाइनल इयर का प्रोजेक्ट था। काजल कहती हैं कि 3 से 4 महीने के अंदर यह डिवाइस लांच होगा। इसकी कीमत 8 हजार रुपये है। डिवाइस प्राप्त करने के लिए वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा, सबसे पहले यह डिवाइस उन लोगों को दिया जाएगा, जिन्होंने वेबसाइट के जरिए नाड़ी पल्स डिवाइस की प्री बुकिंग की होगी।
नजदीकी डॉक्टर के बारे में भी देगा जानकारी
काजल श्रीवास्तव कहती हैं कि जब भी कोई शख्स प्राब्लम में होता है तो वह डॉक्टर के पास जाता है और अपनी जांच कराकर इलाज कराता है। पर यह इंस्ट्रूमेंट उपयोगकर्ता की सेहत के बारे में पहले ही बता देगा। इसका फायदा यह होगा कि समय रहते आप उसका इलाज करा सकते हैं। यदि आपकी जानकारी में डॉक्टर नहीं है तो नाड़ी पल्स आपको नजदीकी डॉक्टर के बारे में भी जानकारी देगा और व्यक्ति अपनी सुविधानुसार चिकित्सक का चयन भी कर सकता है। यह प्रोजेक्ट आईआईटी कानपुर द्वारा समर्थित है।
Last Updated Jul 1, 2023, 6:01 PM IST