कोटा की सोनल गुप्ता को जानवरों से बेपनाह लगाव है। सोनल अब तक 6000 से ज़्यादा  जानवरों को रेस्क्यू कर चुकी हैं। जानवरों के प्रति सोनल के इस प्रेम के पीछे भी एक कहानी है जिसे सोनल ने मायनेशन हिंदी से शेयर किया।

एक छोटे से पिल्ले से शुरू हुई मुहीम

सोनल कहती हैं काफी पहले की बात है बरसात हो रही थी। घर के बाहर एक छोटा सा पपी पानी में भीग कर कांप रहा था। उसके पिछले पैरों में कुछ दिक्कत थी इसलिए वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा था। मैंने देखा और घर के अंदर उठा लिया थोड़ा सा खाना खिलाया और टॉवल से उसको सुखाया। लेकिन बारिश में भीग कर उसको बुखार हो गया। डॉक्टर के पास ले गई ट्रीटमेंट के बाद बुखार तो उतर गया। लेकिन डॉक्टर ने बताया की एक ही फैमिली के मां-बाप होने की वजह से पपी के डीएनए में दिक्कत है । और इसीलिए इसका एक पैर छोटा है। जब मैं पता किया तो पता चला पर छोटा होने के कारण कुत्ते के मालिक ने उसको छोड़ दिया

सोनल ने किया पपी को एडॉप्ट

सोनल ने बताया की मैं पपी को अडॉप्ट किया और उसका नाम हैप्पी रख दिया। हैप्पी की बचपन की समस्या के कारण वह हमेशा बीमार ही रहता है।  एक प्रॉब्लम खत्म होती है दूसरी शुरू हो जाती है। लेकिन मैं उसकी प्रॉपर केयर करती हूं। मेरे साथ-साथ वह मेरे पापा से भी काफी हिल मिल गया है।

6000 गाय और कुत्तों को किया रेस्क्यू

सोनल ने आईआईएम उदयपुर से एंटरप्रेन्योरशिप में डिप्लोमा किया है लेकिन नौकरी करने के बजाय उन्होंने खुद की आईटी कंपनी खोली और उसका पूरा पैसा वह जानवरों की देखभाल में लगाते हैं। सोनल कहती हैं कि वह अब तक 6000 से ज्यादा जानवरों को रेस्क्यू कर चुकी हैं। सोनल कहती हैं की कोविड में जब लॉकडाउन हुआ तो स्ट्रे डॉग्स को खाने पीने की दिक्कत होने लगी। होटल वगैरह  बंद होने से जानवर भूखे रहने लगे। आसपास के लोग सोनल को फोन करने लगे। किसी भी डॉग को कोई समस्या होती या कोई भी जानवर बीमार होता तो सोनल प्रशासन की परमिशन से उन जानवरों का उपचार करते हैं। जब लोगों की फोन कॉल्स जानवरों की समस्या को लेकर ज्यादा आने लगी तो सोनल एनजीओ बना लिया।

सोनल ने बनाया एनजीओ

लाकडाउन खत्म होने के बाद सोनम ने जीएसएम स्क्वाड नाम से अपना एनजीओ खोला। इस एनजीओ में 8 से 10 लोग काम करते हैं इसमें स्ट्रीट डॉग्स और गायों को खाने के साथ-साथ सभी सुविधाएं दी जाती है। सोनल के साथ बहुत से एनिमल लवर जुड़े हुए हैं और उनके एनजीओ को भी काफी हेल्प करते हैं

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