भोपाल। मध्य प्रदेश के भिंड जिला स्थित गौरम गांव के रहने वाले विकास सेंथिया ने ग्रेजुएशन के समय कॉलेज छोड़ने का मन बना लिया था। एमपी बोर्ड से हिंदी माध्यम से 12वीं पास कर विकास ने जब शहीद भगत सिंंह कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया तो पहले सेमेस्टर में ही उन्हें भाषा के स्तर पर परेशानी समझ में आई। कॉलेज में अंग्रेजी में पढ़ाई के अलावा नोट्स भी अंग्रेजी में ही बनवाए जाते थे। ऐसे में वह खुद को असहज महसूस करते थे। उसी दरम्यान किसी ने उन्हें मोटिवेट किया, उसका असर यह हुआ कि विकास ने कॉलेज नहीं छोड़ा और ग्रेजुएशन करते रहें।

यूपीएससी 2020 में IRPFS और 2022 में बनें IPS

विकास को ग्रेजुएशन के बाद ही यूपीएससी एग्जाम के बारे में पता चला। परिवार से चर्चा की तो सपोर्ट मिला और वह यूपीएससी की तैयारियों में जुट गए। विकास कहते हैं कि जब घर वालों ने भरोसा करके पढ़ाई के लिए दिल्ली भेजा है तो सोचा कुछ करना है, कुछ ऐसा भी करना है कि चंबल का नाम अच्छे कारणों से जाना जाए। बहरहाल, यूपीएससी 2020 के पहले ही अटेम्पट में विकास सेंथिया की 642वीं रैंक आई। उन्हें IRPFS कॉडर मिला। पर उनका मन नहीं माना। उन्होंने फिर अपनी किस्मत आजमाई। यूपीएससी 2022 एग्जाम में उनकी 482वीं रैंक आई। विकास सेंथिया को IPS कॉडर मिला। 

जल्द जॉब पाने का था प्रेशर

विकास सेंथिया का गांव मध्य प्रदेश के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले सिंध नदी के किनारे बसा है। यह इलाका चम्बल के रूप में विख्यात है। वैसे 12वीं कक्षा तक विकास पढ़ाई में औसत मार्क्स लाते रहें। पर 12वीं कक्षा के एग्जाम में उनके अंक अच्छे आए तो किसान पिता की उम्मीद जगी और उन्होंने विकास को पढ़ाई के लिए दिल्ली भेजा। ऐसा नहीं कि उनके सामने चुनौतियां नहीं रहीं। विकास कहते हैं कि उनके सामने फाइनेंशियल दिक्क्तें भी थीं। प्रेशर भी था कि जल्द से जल्द चयन हो, लम्बे समय तक पढ़ाई का बोझ उठा पाना घर वालों के लिए मुश्किल होता। 

हंसराज कॉलेज दिल्ली से एमए

विकास सेंथिया ने शहीद भगत सिंह कालेज, दिल्ली से ग्रेजुएशन करने के बाद हंसराज कालेज, दिल्ली से हिंदी लिटरेचर में एमए किया। विकास कहते हैं कि यूपीएससी एग्जाम में सबके लिए अलग अलग चीजें कठिन होती हैं। उन्होंने अपना परफार्मेंस सुधारने के लिए काफी मेहनत की। वह डिक्शनरी लेकर अखबार पढ़ते थे। पर हार नहीं मानी और अपने सपने को पूरा करने में लगे रहें। यूपीएससी एग्जाम में सबका अपना कम्फर्ट जोन होता है। किसी को प्रीलिम्स तो किसी को मेंस या इंटरव्यू टफ लगता है। विकास को प्रीलिम्स टफ लगता था। पर मेहनत से उन्होंने मुकाम हासिल किया। सिविल सर्विस कोचिंग के मशहूर टीचर विकास दिव्यकीर्ति भी विकास सेंथिया की तारीफ कर चुके हैं।

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