Success Story: कहते हैं कि हार्ड वर्क और कुछ कर गुजरने का जज्बा इंसान को किसी भी मुकाम तक पहुंचा सकता है। ऐसी ही इंस्पिरेशनल स्टोरी है सरफराज की, जो कभी मजदूरी करते थे, लेकिन अब उनका डॉक्टर बनने का सपना साकार होने जा रहा है। यह कहानी उन सभी लोगों के लिए इंस्पिरेशनल है, जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ रहे हैं। 

मजदूरी से होती थी दिन की शुरूआत

सरफराज एक साधारण परिवार से हैं, जहां रोजी-रोटी के लिए मजदूरी करना उनकी मजबूरी थी। पर परिस्थितियों को कभी भी अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया। सरफराज के दिन की शुरूआत काम से होती थी। वह डेली 200 से 400 ईंटें ढोते थे और साथ ही नीट एग्जाम की तैयारी भी। उन्हें लोगों के ताने भी सुनने पड़ते थे कि इतनी पढ़ाई के बाद मजदूरी क्यों कर रहे हो।

टूटे हुए मोबाइल से पढ़ाई

सरफराज के पास पढ़ाई करने के लिए अच्छा मोबाइल तक नहीं था। वह टूटे हुए मोबाइल से यूट्यूब वीडियो देखकर पढ़ाई करते थे। सुबह 6 बजे मजदूरी पर जाने वाले सरफराज दोपहर 2 बजे लौटकर ट्यूशन पढ़ाने जाते थे। उनकी मां कहती हैं कि वह सर्दियों की रात में भी खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करते थे। 

बेटे की मेहनत के किस्से बताते हुए भावुक हुई मां

सरफराज की मां कहती हैं कि उनके घर की हालत बेहद खराब थी। घर पर लेंटर भी नहीं पड़ा था। बेटे ने खुले में पढ़ाई की। वह अपने बेटे की मेहनत के किस्से बताते हुए भावुक हो जाती हैं। सरफराज की सफलता की कहानी तब चर्चा में आई, जब Physics Wallah के फाउंडर अलख पांडे ने उनका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया।

आसान नहीं थी नीट एग्जाम की तैयारी

नीट परीक्षा की तैयारी करना वैसे भी आसान नहीं होता, और जब संसाधनों की कमी हो तो यह और भी कठिन हो जाता है। सरफराज ने यूट्यूब पर फ्री वीडियो देखकर फिजिक्स, केमिस्ट्री, और बायोलॉजी की पढ़ाई की।  जहां कई छात्रों को अच्छे गैजेट्स की जरूरत होती है, वहीं सरफराज ने एक पुराने और टूटे हुए मोबाइल से अपनी पढ़ाई पूरी की। मजदूरी के साथ-साथ पढ़ाई के लिए भी समय निकाला। आखिरकार, सरफराज की मेहनत रंग लाई और उन्होंने नीट एग्जाम में सफलता हासिल की।

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