नई दिल्ली। सफलता की कोई एक तय परिभाषा नहीं होती। इसे पाने का रास्ता हर किसी के लिए अलग होता है। करियर काउंसलर आपको कई कोर्स और डिग्रियां सुझा सकते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि हार्डवर्क और कांफिडेंस ही सक्सेस की असली कुंजी हैं। हैदराबाद के रहने वाले राकेश चोपदार ने यह साबित कर दिखाया। भले ही वह 10वीं क्लास में फेल हो गए थे, लेकिन आज 11,145 करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक हैं। राकेश की कहानी इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने न तो कॉलेज की डिग्री हासिल की, न ही स्कूलिंग पूरी की। बावजूद इसके, लोग उन्हें आज ‘इंजीनियर’ कहते हैं। आइए जानते हैं राकेश चोपदार की सक्सेस स्टोरी। 

10वीं में फेल होने पर लगा ‘नाकाम’ होने का ठप्पा

राकेश चोपदार जब 10वीं क्लास में फेल हुए तो समाज और परिवार ने यह मान लिया कि वह जीवन में कुछ नहीं कर पाएंगे। अक्सर हम देखते हैं कि फेल होने वाले बच्चों पर ‘नाकाम’ होने का ठप्पा लग जाता है। राकेश भी इससे अछूते नहीं थे। लेकिन, राकेश ने इस असफलता को अपनी ताकत बनाया। उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और अपने पिता के साथ उनकी छोटी-सी नट-बोल्ट बनाने वाली फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया। यहीं से उनके जीवन का असली सफर शुरू हुआ।

इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं, अनुभव से बने ‘इंजीनियर’

राकेश ने कभी किसी कॉलेज में दाखिला नहीं लिया। लेकिन उन्होंने फैक्ट्री में काम करते-करते इंजीनियरिंग और बिजनेस के गुर सीख लिए। उनकी मशीनों और प्रोडक्शन प्रॉसेस में गहरी रुचि थी। राकेश ने खुद से सीखने की कला में महारत हासिल की और ‘सेल्फ-टॉट एक्सपर्ट’ बन गए। फैक्ट्री के काम के दौरान उन्होंने देखा कि उनकी समझ और मेहनत के दम पर प्रोडक्ट्स की क्वालिटी में इम्प्रूवमेंट हो सकता है।  

17 साल की उम्र में शुरू किया खुद का कारोबार

सिर्फ 17 साल की उम्र में राकेश ने साल 2008 में आज़ाद इंजीनियरिंग नाम से अपनी कंपनी की शुरुआत की। शुरू में यह कंपनी एक सेकेंडहैंड सीएनसी मशीन के साथ 200 स्क्वायर मीटर के छोटे-से शेड में काम करती थी। अब यही कंपनी एयरोस्पेस, डिफेंस, एनर्जी, तेल और गैस इंडस्ट्री के लिए हाई-क्वालिटी फोर्ज्ड और मशीनीकृत घटकों का निर्माण करती है। राकेश ने सीमित संसाधनों का पूरी तरह से यूज करते हुए मार्केट में अपनी जगह बनाई।

2 करोड़ रुपये के टर्नओवर से 350 करोड़ के रेवेन्यू तक 

साल 2008 में केवल 2 करोड़ रुपये के टर्नओवर से शुरू हुई आजाद इंजीनियरिंग ने 2023-24 में 350 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया। फरवरी 2024 तक कंपनी का मार्केट कैप 5,499 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। पब्लिक लिस्टिंग के छह महीने के भीतर इसका मार्केट कैप 1 अरब डॉलर (8,300 करोड़ रुपये) से भी ज्यादा हो गया। आज, आजाद इंजीनियरिंग का मार्केट कैप 11,145 करोड़ रुपये से अधिक है।

रोल्स रॉयस और डीआरडीओ जैसी कंपनियों से साझेदारी

आजाद इंजीनियरिंग की लगातार बढ़ती साख ने कई बड़ी कंपनियों का ध्यान अट्रैक्ट किया। कंपनी ने रोल्स रॉयस, डीआरडीओ, और अन्य प्रमुख ब्रांड्स के साथ साझेदारी की। सचिन तेंदुलकर ने दिसंबर 2023 में कंपनी का आईपीओ लॉन्च किया। इससे राकेश और उनकी कंपनी की पहचान नेशनल और इंटरनेशनल लेबल पर और मजबूत हुई।

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