Success Story: कर्नाटक के कन्नड़ जिले के एक छोटे से शहर बंटवाल में जन्मे शशि किरण शेट्टी का सपना बड़ा था। फैमिली बिजनेस ठप होने के बाद मुंबई में जॉब की और वहीं से उन्हें अपने कॅरियर का रास्ता मिला। महज 25 हजार रुपये से खुद का काम शुरू किया। अब 6500 करोड़ की कम्पनी के मालिक हैं। एलकॉर्गो लॉजिस्टिक के फाउंडर शेट्टी की कहानी युवाओं के लए प्रेरणादायक है।

जॉब की तलाश में पहुंचे डॉक यार्ड, बदल गई जिंदगी

शशि किरण शेट्टी की शुरूआत शिक्षा अपने शहर बंटवाल से ही हुई। वहीं के वेंकटरमण स्वामी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। पारिवारिक बिजनेस बंद हो गया था तो उन्होंने 1978 में जॉब की तलाश में मुंबई का रूख किया। नौकरी के लिए भटकना पड़ा। एक दिन जॉब की तलाश में डॉक यार्ड तक पहुंच गए। एक छोटी सी शिपिंग कम्पनी में नौकरी मिली। वहीं से उनके कॅरियर की शुरूआत हुई। बाद में टाटा की फोर्ब्स गोकाक में शामिल हो गए। काम के दरम्यान शिपिंग सेक्टर के बड़े लोगों से मुलाकात हुई। उन्होंने काम की बारीकी को समझा।

25 साल की उम्र में 4 कर्मचारियों के साथ शुरूआत

शेट्टी ने टाटा की कम्पनी में 4 साल तक मन लगाकर काम किया। सैलरी के पैसों में से 25 हजार रुपये भी बचाए और फिर उन्हीं पैसों से खुद का बिजनेस शुरू करने का निर्णय लिया। नौकरी छोड़कर मुंबई के डिमेलो रोड स्थित व्यापार भवन के एक रूप में कार्यालय खोला। 4 कर्मचारियों के साथ ट्रांस इंडिया फ्राइट सर्विसेज की शुरुआत की। तब उनकी उम्र महज 25 साल थी।

अब 180 देशों में कारोबार

उस जमाने में बिजनेस शुरू करना भी आसान नहीं था। उनके पास संसाधनों की कमी थी। परिचित ट्रांसपोर्टर्स से रेंट पर ट्रक लिया। उन्हीं ट्रक से जहाज तक माल पहुंचाने लगे। धीरे-धीरे काम बढ़ता गया और उनकी फर्म साल 1994 में ऑलकार्गो लॉजिस्टिक में तब्दील हो गई। मौजूदा समय में उनकी कम्पनी में 4000 से ज्यादा वर्कर काम करते हैं। 180 देशों तक बिजनेस फैला हुआ है। 530 डेस्टिनेशन तक सर्विसेज मुहैया कराते हैं। ईसीयू वर्ल्डवाइड और गति लिमिटेड के भी अध्यक्ष हैं। 

कर्नाटक का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान

अनुभवी शेट्टी ने ऑलकार्गो की 2003 में कंटेनर फ्रेट स्टेशन, 2016 में कॉन्ट्रैक्ट लॉजिस्टिक्स और 2018 में लॉजिस्टिक्स पार्क सेक्टर में एंट्री कराई। साल 2005 में ईसीयू-लाइन (अब ईसीयू वर्ल्डवाइड) का अधिग्रहण किया। एनआईटीआईई के आईआईएम मुंबई बनने के बाद शेट्टी बोर्ड आफ गवर्नेंस के अध्यक्ष भी हैं। साल 2023 में उन्हें कर्नाटक राज्य के दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी मिला। 

ये भी पढें-Success Story: 6 लाख की कार, मोबाइल भी नहीं पर बेशुमार दौलत का मालिक, जानिए कौन है ये बिजनेस वर्ल्ड ..