Success Story: कहते हैं, मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की शिखा बिष्ट ने इस बात को सच कर दिखाया। कोविड महामारी में नौकरी जाने के बाद उन्होंने अपनी हॉबी पर काम करना शुरू किया। आज शिखा पेंटिंग और क्रिएटिव आर्ट्स के जरिए न केवल अपनी पहचान बना चुकी हैं, बल्कि हर महीने अच्छी खासी कमाई भी कर रही हैं। आइए जानते हैं उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरीं

कैसे आया आइडिया?

शिखा ने अपनी हॉबी और स्किल को प्रोफेशन में बदलने का फैसला तब किया, जब जॉब छूटने के बाद उन्हें इकोनॉमिक प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा। फर्नीचर फैक्ट्री और कारपेंटर्स के पास बची हुई लकड़ी के टुकड़े इकट्ठा कर उन्हें नया रूप देना शुरू कर दिया। लकड़ियों के उन टुकड़ों पर खूबसूरत पेंटिंग्स बनाकर रेजिन की लेयर चढ़ाई। जिससे वह अट्रैक्टिव पेंटिंग हो गईं। शिखा ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर रेगुलर अपनी बनाई पेंटिंग को पोस्ट करना शुरू किया। उनके बनाए एनीमेशन कार्टून लवर्स को पसंद आने लगें।

बचपन से ही था पेंटिंग का शौक

शिखा के मुताबिक, उन्हें बचपन से ही पेंटिंग का शौक था। एमसीए करने के बाद वह प्राइवेट नौकरी में व्यस्त हो गईं। कोविड लॉकडाउन के दौरान, जब उनके पास समय था। उन्होंने लकड़ी के टुकड़ों पर पेंटिंग शुरू की। वह नेचर बेस पेंटिंग्स बनाती हैं। इंस्टाग्राम के जरिए उन्हें आर्डर मिलने लगें। उनकी बनाई पेंटिंग की शुरूआती कीमत 400 रुपये है। वह अपने प्रोडक्ट को प्रदर्शनियों में भी प्रमोट करती हैं और लोगों के आर्डर के मुताबिक प्रोडक्ट भी बनाती हैं। उनके प्रोडक्ट सिर्फ उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि दिल्ली व अन्य राज्यों में भी जाते हैं।  

सिर्फ लकड़ियों पर ही नहीं, इन पर भी बनाती हैं पेंटिंग्स

शिखा सिर्फ लकड़ियों के टुकड़ों पर ही नहीं, बल्कि चेन, फ्रिज मैग्नेट, कप रखने वाली प्लेट पर भी पेंटिंग्स बनाती हैं। हर पेंटिंग पर एक शाइनिंग लुक लाने के लिए रेजिन की परत चढ़ाई जाती है। यह टेक्नोलॉजी उनकी पेंटिंग्स को अट्रैक्टिव बनाती है और लंबे समय तक के लिए टिकाऊ भी। शिखा अपने कस्टमर्स की पसंद और जरूरत को समझकर कस्टमाइज्ड प्रोडक्ट्स भी बनाती हैं। बच्चों और युवाओं के लिए वह एनिमेशन आर्ट बनाती हैं, जो खासतौर पर पॉपुलर है।

कमाई में कैसे आया बदलाव?

नौकरी के दौरान शिखा की इनकम 20,000-25,000 रुपये महीना थी। अब वह हर महीने 30,000-50,000 की कमाई कर रही हैं। उनकी क्रिएटिविटी ने उन्हें आत्मनिर्भर बना दिया है। शिखा का सपना है कि वह अपनी कला को और बड़े पैमाने पर लेकर जाएं। वह चाहती हैं कि उनका काम नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर पहचान बनाए। शिखा की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए इंस्पिरेशनल है, जो अपने पैशन को प्रोफेशन में बदलने का सपना देखता है। 

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