केरला.आंकड़े बताते हैं कि भारतीय महिलाएं सबसे ज्यादा डोमेस्टिक वायलेंस का शिकार होती हैं। कभी दहेज को लेकर कभी ससुराल में किसी बात का जवाब देकर। आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने घरेलू हिंसा से तंग आकर आत्महत्या करने की कोशिश किया लेकिन हिम्मत जुटाई और नाइंसाफी के खिलाफ आवाज बुलंद की।

शादी के बाद घरेलू हिंसा का शिकार हुई नौज़िशा
केरला की नौज़िशा ने कंप्यूटर में मास्टर्स किया और एक कॉलेज में बतौर गेस्ट लेक्चरर अपने करियर की शुरुआत की। साल 2013 में नौज़िशा की शादी हो गई। लेकिन ये उनकी ज़िंदगी का सबसे बुरा फैसला होने वाला था। नौज़िशा शादी के बाद भी अपनी नौकरी जारी रखना चाहती थी जिसके लिए उनका होने वाला पति राजी हो गया लेकिन शादी होते ही नौज़िशा पर नौकरी छोड़ने का दबाव बनाया और घर पर रहने का आदेश दिया। नौज़िशा अपने पति की बात मान ली। इसके बाद भी पति उन्हें मारता पीटता रहा। नौज़िशा अपनी शादी शुदा ज़िंदगी को बिखरने नहीं देना चाहती थीं। नौज़िशा की डिग्री उके पति के नज़र में कूड़ा कचरा था।  इन सबके दरमियान उनका एक बेटा भी हो गया। नौज़िशा को लगा शायद पति बच्चे का मुंह देख कर सुधर जाए लेकिन उसका ज़ुल्म बढ़ता जा रहा था ,कभी दाल में नमक को लेकर हाथ उठाता तो कभी सेक्स की मनाही पर। नौज़िशा के परिवार के लोगों ने पति को छोड़ने के लिए कहा तो नौज़िशा समाज के तानों के डर से पति के साथ रही कि शायद कभी हालात बदल जाए।

 

पति के अवैध संबंधों के बारे में पता  चला 

नौज़िशा को अपने पति के अवैध संबंधो बारे में पता चला। सवाल करने पर उसे मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी गयी। नौज़िशा पति की मार बर्दाश्त कर रही थी लेकिन दूसरी औरत को वो नहीं बर्दाश्त कर सकती थीं. अपने बेटे के लिए वो अपनी शादी शुदा ज़िंदगी के बोझ को ढो रहीं थीं।  लेकिन दूसरी औरत का मतलब नौज़िशा समझ चुकी थीं की उनका पति बेवफा है और सिर्फ उनका इस्तेमाल कर रहा है। धीरे धीरे नौज़िशा ने हिम्मत बटोरनी शुरू की और एक दिन ससुराल की दहलीज़ को हमेशा के लिए छोड़ दिया।  

 तंग आकर नौज़िशा ने पति का घर छोड़ दिया
साल 2016 में 3 साल तक घरेलू हिंसा झेलने के बाद नौज़िशा ने अपने एक  साल के बेटे ऐहम नजल के साथ पति का घर छोड़ दिया। नौज़िशा हिम्मत हार चुकी थी और उन्होंने कुएं में कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की लेकिन जब कुए के करीब पहुंची तो उनके कदम रुक गए और उन्होंने फैसला किया कि अब वह नाइंसाफी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेंगी। वो मायके चली गईं उनके परिवार के लोगों ने नौज़िशा का साथ दिया। नौज़िशा अपने बच्चे के लिए ज़िंदगी बेहतर करना चाहती थीं, मायके में बोझ बन कर नहीं रहना चाहती थीं। उन्होंने आत्म निर्भर होने की ठान लिया और एक बार फिर से घर के बाहर कदम निकाला। 

और नौज़िशा बन गई पुलिस ऑफिसर
नौज़िशा ने तलाक के लिए अर्ज़ी डाली और दोबारा लेक्चरर की नौकरी शुरू कर दी। इसके साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करने लगी, साथ ही केरला पब्लिक सर्विस किशन की कोचिंग करना शुरू किया।  ज़िंदगी का मुश्किल दौर था नौज़िशा के लिए।  एक तरफ कोर्ट कचहरी के चक्कर , दूसरी तरफ कोचिंग क्लासेज़ और फिर साल भर के बच्चे की परवरिश। नौज़िशा ने साल 2021 में केरल पुलिस स्पेशल रिक्रूटमेंट की परीक्षा दी और कामयाबी हासिल की। वूमेन सिविल पुलिस ऑफिसर पद के लिए राज्य व्यापी सूची में नौज़िशा ने 141 व रैंक हासिल किया और त्रिशूर में पहला स्थान तथा एनार्कुलम  में आठवां रैंक प्राप्त किया ।15 अप्रैल साल 2021 को नौज़िशा ने सिविल पुलिस फोर्स जॉइन कर लिया। 

 

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