अहमदाबाद। चंद्रेश बायड  (Chandresh Bayad) अहमदाबाद (गुजरात) के स्लम एरिया में रहते थे। दिव्यांग पिता रेलवे स्टेशन पर लॉक बेचकर परिवार चलाते थे। सरकारी स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की और साइप्रस से एमबीए कर कॉल सेंटर में जॉब की। चाहत खुद का बिजनेस शुरु करने की थी तो नौकरी छोड़ी और साल 2014 में एक कॉम्पलेक्स के 7वें फ्लोर पर चाय की दुकान खोल दी। माई नेशन हिंदी से बात करते हुए चंद्रेश बायड कहते हैं कि तीन महीने ही हुए थे कि दुनिया की सबसे बड़ी कैफे चेन चलाने वाली कम्पनी स्टारबक्स (Starbucks Corporation) ने ट्रेडमार्क को लेकर नोटिस भेज दिया। 

5 मिनट में चाय की डिलीवरी, देर हुई तो फ्री

चंद्रेश कहते हैं कि कुल 12 से 13 हजार रुपये में बिजनेस शुरु किया। उसका नाम बदलवाने के लिए विदेशी कम्पनी ने लाख रुपये से ज्यादा तो खर्च ही किए होंगे। स्टारबक्स की तरफ से भेजी गई नोटिस भी बिल्डिंग के सातवें माले पर स्थित टी स्टॉल पर आई। वह भी तब, जब अहमदाबाद, गुजरात, या देश में छोड़िए, बिल्डिंग के बाहर के लोगों को भी पता नहीं था कि 7वें फ्लोर पर टी स्टॉल है। तब लगा कि हमारे काम में कुछ तो करंट है, जिसका फर्क पड़ता है। दरअसल, चंद्रेश बायड के टी स्टॉल पर आर्डर के 5 मिनट के अंदर चाय डिलीवर की जाती थी। यदि चाय डिलीवर होने में 5 मिनट से ज्यादा समय लगता था तो चाय फ्री दी जाती थी।

 

Helly & Chilly कैफे नाम से शुरु किया काम

चंद्रेश बायड की टी स्टॉल जिस जगह से संचालित होती थी। उसका किराया मात्र 1300 रुपये महीना था। बहरहाल, उन्होंने अपने दुकान का नाम बदलकर हेली एंड चिली (Helly & Chilly) कर दिया। दरअसल, हेली चंद्रेश बायड की वाइफ का नाम है, जबकि विदेश में काम करते वक्त लोग उन्हें चिली कहकर पुकारते थे तो उनका निक नेम चिली था। पहले टी स्टॉल में भाई उनके साथ काम करता था। पर लीगल नोटिस आने के बाद उसने काम में साथ छोड़ दिया। परिवार कहता था कि यदि चाय की टपरी ही खोलनी थी तो फॉरेन क्यों गए पढ़ाई करने। यह काम तो बिना पढ़ाई किए लोग ही अच्छे से कर लेते हैं। पर चंद्रेश बायड को पूरा विश्वास था कि ए​क दिन उनका काम बुलंदियों पर पहुंचेगा।

75 से ज्यादा आउटलेट, कनाडा में भी विस्तार

समय के साथ धीरे-धीरे उनका काम बढ़ने लगा। आज उनके देश भर में 75 से ज्यादा आउटलेट हैं। कनाडा में भी एक आउटलेट ओपन हुआ है, जबकि यूके और थाइलैंड में कैफे खोलने की तैयारी चल रही है। विदेश में ट्रेडमार्क को रजिस्टर्ड करा रहे हैं। चंद्रेश बायड कहते हैं कि हमारा मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध कराना है। हम लोग यूनिक डिश प्रोवाइड कराते हैं।

 

4 वर्ल्ड रिकॉर्ड, बनाया दुनिया का सबसे बड़ा बर्गर-फ्रेंच फ्राइज़

चंद्रेश बायड ने अपने यूनिक काम से चार वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाए हैं। साल 2018 में दुनिया की सबसे बड़ी फ्रेंच फ्राइज़ डिश (10 फीट, 660 किलोग्राम) बनाकर अमेरिका का रिकॉर्ड तोड़ा। एक ही दिन 2 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए थे। साल 2022 में एक साथ 500 लोगों को उनके नाम लिखे हुए काफी और बर्गर सर्व कर तीसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और फरवरी 2023 में दुनिया का सबसे बड़ा बर्गर बनाकर कनाडा को डेडिकेट किया था। उस प्रोग्राम में कनाडा के मेयर भी आए थे। 

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