लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPCS 2023) एग्जाम में बाराबंकी के रहने वाले दीपक सिंह की 20वीं रैंक आई है। साक्षात्कार में उनसे दिलचस्प सवाल पूछा गया। इंटरव्यू बोर्ड ने दीपक सिंह से पूछा कि आपके और हमारे बीच कितने किलोमीटर की दूरी है। दीपक सिंह ने जवाब दिया-0.10 किलोमीटर। उनकी यही हाजिर जवाबी काम आयी और हरदोई जिले में तैनात कॉन्स्टेबल दीपक सिंह एसडीएम बन गए। माय नेशन हिंदी से उन्होंने अपनी जर्नी शेयर की है।

ये सवाल भी पूछे गए

इंटरव्यू में दीपक सिंह से पूछा गया कि यदि आप डिप्टी एसपी बन जाते हैं और आपके सर्किल में कोई एसएचओ घूंस पकड़ लेता पकड़ा जाता है तो आप क्या करेंगे? 

-सबसे पहले पुलिस विभाग में एसएचओ की फाइल खुलेगी। सीओ स्तर का अधिकारी उसी जांच करता है। फिर एसपी रैंक का अधिकारी जांच करता है फाइनल रिपोर्ट कप्तान को देता है। फाइनल डिसीजन कप्तान का होता है।

यदि रामू नाम का आदमी किसी 10 साल के लड़के को अपने घर ले जाता है और अपने मां बाप की सेवा कराता है तो वह कहां तक सही है और आप होते तो क्या करते?

-यह बाल श्रम हो गया। मैं यह नहीं करता। पहले यदि सरकार द्वारा संचालित कोई अनाथालय है तो उसका वहां दाखिला कराने की कोशिश करता। ताकि उसकी पढ़ाई हो सके और उसे पोषण मिल सके। दूसरी तरफ बहुत सी एनजीओ हैं तो मैं कोशिश करता कि उसका किसी ऐसे एनजीओ में दाखिला कराता। जिससे उसका बचपन संवर सके।

प्रोग्रेस, डेवलपमेंट और ग्रोथ में क्या अंतर है?

-डेवलपमेंट में ओवरआल विकास देखा जाता है। जैसे इकोनॉमी ग्रोथ हो पर सामाजिक पैमाने भी सही हो। देश बढ़ रहा है तो गरीबी भी कम हो। पोषण की समस्या भी कम हो। ग्रोथ में सिर्फ इकोनॉमी का पैमाना देखा जाता है कि देश की जीडीपी तो बढ़ रही है, लेकिन गरीबी कम नहीं हो रही है। प्रोग्रेस करने का मतलब तुलना करने में यूज किया जाता है कि आज और कल में हमारे में कितना सुधार हुआ है।

2020 से शुरु कर दी थी तैयारी

दीपक सिंह कहते हैं कि इस बार एग्जाम में वैकल्पिक विषय के दो पेपर हटा दिए गए। उनकी जगह यूपी स्पेशल प्रश्न पत्र जोड़ा गया है। वैसे तो उन्होंने 2020 से यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरु कर दी थी। 2019 में पहली बार एग्जाम दिया। उस समय वह ट्रेनिंग से ड्यूटी पर आए थे। इस वजह से तैयारी का उतना समय नहीं मिल सका। फिर साल 2022 और 2023 यूपी पीसीएस का एग्जाम दिया।  

टारगेट बनाइए और फिर उसके हिसाब से काम करिए

दीपक सिंह कहते हैं कि बहुत से लोग छोटी सी नौकरी पाकर ही संतुष्ट हो जाते हैं। आप मानव के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ दीजिए। टारगेट बनाकर उसके हिसाब से काम करिए। अपनी स्ट्रेटजी डेली, वीकली और मंथली बनाइए। डिमोटिवेट मत होइए। ऐसी स्थिति में अपने संगे-संबंधियों से बात करिए। उनसे बढ़िया आपको कोई मोटिवेट नहीं कर सकता।

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