नई दिल्ली। मोटी तनख्वाह पर नौकरी करने वाले लोग बिजनेस करने का रिस्क कम लेते हैं, पर गुरुग्राम की गरिमा साहनी ने ऐसा ही किया। अच्छी खासी नौकरी छोड़कर इंटरप्रेन्योरशिप की शुरुआत कर दी, और एक दशक के अंदर जॉब करने से जॉब देने वाली बन गईं। उनका मेडिकल बिजनेस भी 10 हजार करोड़ के पार चला गया। मौजूदा समय में उनका बिजनेस 11,400 करोड़ का है। गरिमा के स्टार्टअप ​प्रिस्टेन केयर ने बिजनेस की दुनिया में एक नया उदाहरण पेश किया है।  

प्रिस्टन केयर नाम से शुरु की क्‍लीनिक

प्रिस्टिन केयर की को-फाउंडर डॉ. गरिमा साहनी की गिनती बेहतरीन स्त्री रोग विशेषज्ञों में होती है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत डॉक्टर के रूप में की। मेडिकल पेशे की बारीकियों को समझा। जिसका यूज उन्होंने अपनी करियर को आगे बढ़ाने में किया। अस्पताल की नौकरी छोड़ दी और प्रिस्टन केयर के नाम से एक ​क्लीनिक की शुरुआत कर दी। डॉ. गरिमा ने अपने पति डॉ. वैभव और एक दोस्त हरसिमरबीर सिंह के साथ मिलकर क्लिनिक के विस्तार पर चर्चा की और किफायती मूल्य में गुणवत्तापूर्ण इलाज देने की दिशा में कदम बढ़ाया।

अस्पतालों के खाली स्पेस से शुरु किया स्टार्टअप

डॉ. गरिमा साहनी ने अपने स्टार्टअप प्रिस्टिन केयर को नए अवतार में फिर से लॉन्च किया। अस्पतालों की खाली जगहों को चुना और उन जगहों पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराईं। उनका प्रयोग भी काफी सफल रहा। अब, उनके बिजनेस मॉडल को चलाने के लिए निवेश की जरुरत थी। सिकोइया कैपिटल उनके काम आया और उनके स्टार्टअप में निवेश किया। 

3 साल में प्रिस्टिन केयर बनी यूनिकॉर्न

कम्पनी ने शुरुआत के 3 साल में ही बड़ी ग्रोथ पाई और यूनिकॉर्न बन गई। मौजूदा समय में कंपनी की वैल्यूएशन 11,400 करोड़ रुपये आंकी गई है। डॉ गरिमा साहनी ने साल 2018 में अपने स्टार्टअप प्रिस्टिन केयर की स्थापना की थी, जो मौजूदा समय में 42 से ज्यादा शहरों में काम कर रहा है। ​कम्पनी अपने विस्तार पर भी ध्यान दे रही है और 800 से ज्यादा अस्पतालों के साथ साझेदारी की है। 

2022 में 350 करोड़ कमाई

प्रिस्टन केयर का लक्ष्य भी महत्वाकांक्षी है। कम्पनी वित्तीय वर्ष 2024 तक 1000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्राप्त करना चाहती है। साल 2022 में कंपनी की आय 350 करोड़ रुपये रही। जिसमें से 60 फीसदी कमाई सर्जरी से आई।