लखनऊ। कासंगज के रहने वाले अजय कुमार गौतम की सफलता कहानी प्रेरणादायक है। गांव के सरकारी स्कूल से 8वीं तक की पढ़ाई कर देश के प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी तक पहुंचे। फिर यूपीएससी एग्जाम में किस्मत आजमाई। पहले प्रयास में आईपीएस और दूसरे प्रयास में आईएएस बनकर अपने जिले का नाम रोशन किया। गौतम ने लगातार दो बार यूपीएससी क्रैक कर साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति का कोई विकल्प नहीं है। वर्तमान में बिलारीगंज में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं।

गांव में दो साल पहले तक नहीं था प्राथमिक विद्यालय

MY NATION HINDI से बात करते हुए अजय कुमार गौतम कहते हैं कि ग्रामीण परिवेश में पला बढ़ा। गांव में दो साल पहले तक प्राथमिक विद्यालय नहीं था। ग्राम पंचायत देवकली के प्राथमिक विद्यालय से 8वीं तक की पढ़ाई की। ​मथुरा के बाबा कढ़ेरा सिंह विद्यालय से 12वीं की परीक्षा पास की। उसी दरम्यान आईआईटी कानपुर में चयन हो गया।

IIT से ग्रेजुएशन के बाद शुरु की तैयारी

अजय कुमार गौतम साल 2017 में आईआईटी कानपुर से ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए। वह कहते हैं कि मैं अपने गांव से पहली बार आईआईटी में गया, सोचा कि यहां तक आए हैं तो कुछ ऐसा करेंगे कि ग्रामीण पृष्ठभूमि के सरकारी विद्यालयों से पढ़ने वालों के लिए कुछ अच्छा काम कर सकें।

करियर तय करने में इन चीजों ने किया प्रभावित

अजय कुमार गौतम कहते हैं कि ग्रामीण परिवेश में शुरु से ही देखते थे कि सरकारी नौकरी की अपनी अलग पहचान होती है। जिस माहौल से आए हैं, उसी के लिए काम करने का मौका मिलेगा। इन सब चीजों ने करियर की दिशा तय करते समय प्रभावित किया। 

पहले अटेम्पट में IPS, दूसरे में बनें IAS

साल 2018 में अजय कुमार गौतम ने यूपीएससी का पहला अटेम्पट दिया, आईपीएस बनें। साल 2019 में दूसरी बार यूपीएससी परीक्षा में शामिल हुए। जून 2019 में प्रीलिम्स का एग्जाम हुआ, सितम्बर महीने में मेंस की परीक्षा दी और मार्च 2020 में इंटरव्यू भी ​दे आएं। उसके बाद कोरोना महामारी का भयानक दौर शुरु हो गया। जिस समय आईपीएस की ट्रेनिंग होनी थी, उसी समय लॉकडाउन लग गया तो वह अपने परिवार के साथ ही रहें। कुछ महीने में फाइनल नतीजे आ गएं। उनकी 415वीं रैंक आई और आईएएस बनें।

...इंटरव्यू के पहले का वह कठिन समय

अजय कुमार गौतम बताते हैं कि पहली बार उन्हें यूपीएससी इंटरव्यू में शामिल होने के लिए वह होटल में रूके थे। आग लगने की वजह से होटल खाली करना पड़ा। फिर किसी तरह एक दोस्त के कमरे में शिफ्ट हुएं। यह उनके लिए बहुत कठिन फेज था। शुरुआती दिनों में यूपीएससी तैयारी के लिए उन्होंने एक कमरा किराए पर ले रखा था। जिसमें सूरज की रोशनी भी नहीं जाती थी। अजय कहते हैं कि जीवन के कठिन समय को ट्रेनिंग समझनी चाहिए और यह आपको और मजबूत बनाता है। 

सोशल मीडिया के बजाए पढ़ाई पर दें ध्यान

अजय कुमार गौतम कहते हैं कि एस्पिरेंट्स पढ़ाई करते रहें, आप जितना स्ट्रगल करोगे, उतने ही अच्छे नतीजे आएंगे। मुश्किल वक्त के समय यह नहीं सोचना चाहिए कि हम कहां हैं, क्या कर रहे हैं? बल्कि हमें ये सोचना चाहिए कि अच्छा अवसर मिला है। छात्र जीवन में सोशल मीडिया और अन्य चीजें मोटिवेटिंग फैक्टर नहीं होनी चाहिए। संयम से पढ़ाई करनी चाहिए। मोटिवेशन अंदर से होना चाहिए। बाहर की आग आपको एक समय तक ही प्रेरणा दे सकती है।