UPSC Success Story: आईएफएस आशीष कुमार वर्मा (success story of IFS ashish kumar verma) को UPSC में लगातार 6 बार फेलियर मिला। 7वें अटेम्पट में यूपीएससी एग्जाम में सफलता मिली। अब भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी हैं। बार-बार असफलता मिलने के बाद भी वह आगे बढ़ते रहें। ऐसा नहीं कि उन्होंने बचपन से ही सिविल सर्विस में जाने की ठानी थी। ग्रेजुएशन के दरम्यान उन्होंने यूपीएससी की तैयारी का मन बनाया। आइए जानते हैं उनसे सफलता के टिप्स।

आशीष कुमार वर्मा ने इनसे ली प्रेरणा

आशीष कुमार वर्मा कहते हैं कि हमारा संघर्ष कुछ भी नहीं लगता है। जब हम बीआर आम्बेडकर और लाल बहादुर शास्त्री के संघर्षों की तरफ देखते हैं। बचपन में न्यूजपेपर फेंकने वाला लड़का एपीजे अब्दुल कलाम देश का राष्ट्रपति बना। उन विभूतियों के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। यूपीएससी की जर्नी में मोटिवेशन के साथ अनुशासन मायने रखता है। आशीष कहते हैं कि एस्पिरेंट्स को एग्जाम की तैयारी को लर्निंग के रूप में लेना चाहिए, न कि एग्जाम को ही जिंदगी और मौत समझना चाहिए।

इस मकसद से शुरु की यूपीएससी की तैयारी

आशीष कुमार वर्मा की शुरुआती पढ़ाई सोनभद्र के केंद्रीय विद्यालय चोपन से हुई। वाराणसी से इंटरमीडिएट और साल 2014 में आईआईटी कानपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। उसी दौरान उन्हें लगा कि प्राइवेट सेक्टर में नौकरी की शुरुआत कभी भी की जा सकती है। समाज के लिए कुछ करने का लक्ष्य था। इसी मकसद के साथ यूपीएससी की तैयारी शुरु कर दी। 

6 असफलताओं के बाद 7वें अटेम्पट में हुएं सफल

साल 2015 और 2016 के यूपीएससी एग्जाम में उनका प्रीलिम्स ही क्लियर नहीं हुआ। साल 2017 में इंटरव्यू भी फेस किया। पर असफलता मिली। साल 2018 में एक बार फिर प्रीलिम्स में सफल नहीं हुए तो साल 2019 में यूपीएससी और आईएफएस एग्जाम दिएं। दोनों एग्जाम में इंटरव्यू तक भी पहुंचे। पर नतीजों में उनका नाम नहीं आया। आखिरकार साल 2020 की यूपीएससी परीक्षा में उन्हें सक्सेस मिली, भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी बनें। साल 2020 आशीष के लिए सफलता का साल साबित हुआ, क्योंकि उसी साल यूपीपीसीएस के एग्जाम में उनकी 38वीं रैक आई और एसडीएम का पद मिला था।


 

खुद के प्रति होना होगा ईमानदार

आशीष कहते हैं कि खुद पर भरोसा करें और यह तभी संभव है। जब आप खुद के प्रति ईमानदार हों। बहुत लोग तैयारी करने आते हैं तो सिलेबस देखकर शुरुआती छह महीने में ही हार मान लेते हैं। एग्जाम में टैलेंट के साथ हार्डवर्क काम आता है। यदि आप लगे रहेंगे तो सफलता जरुर मिलेगी। ऐसा भी हुआ है थर्ड डिवीजन से ग्रेजुएशन किए लोग यूपीएससी क्लियर कर लेते हैं।

यह समझने की मत करिए भूल

आशीष कहते हैं कि यह समझने की भूल कभी मत करिए कि आपकी तैयारी पूरी हो जाएगी। यही इस एग्जाम की खूबी है। इसको लेकर घबराइए नहीं। सब लोग इसी तरह तैयारी करके परीक्षा देते हैं। परीक्षा के वक्त शांति से पेपर दीजिए। पैनिक मत होइए।  

पेपर दीजिए, भटकिए मत

अनिश्चितताओं से भरे इस एग्जाम में जो लोग कहते हैं कि उनका मेंस अच्छा नहीं हुआ है, उनका सेलेक्शन हो जाता है। आप यह मत सोचिए कि आपका पेपर अच्छा नहीं हुआ। आप अपनी परीक्षा दीजिए और भटकने के बजाए बाकी चीजें यूपीएससी पर छोड़ देना चाहिए। परीक्षा की तैयारी के दौरान भटकने के ढेर सारे चांसेज हैं।

एग्जाम सफलता का साधन पर जिंदगी और मौत नहीं

आशीष कुमार वर्मा दिल्ली के पुराने राजेंद्र नगर में रहकर तैयारी करते थे। उसी दरम्यान एग्जाम के पहले एक 25 साल की लड़की ने आत्महत्या कर ली। पहले भी इसी तरह की घटना सुनने में आई थी। व‍ह कहते हैं कि एग्जाम सफलता का साधन तो हो सकता है, पर जिंदगी और मौत नहीं। बहुत से लोग हैं, जो इस एग्जाम में सफल नहीं हुए पर आगे जिंदगी में बहुत कुछ करने की क्षमता रखते हैं।

लर्निंग पर फोकस कर करें तैयारी

आशीष कहते हैं कि एग्जाम की तैयारी के दौरान इतनी सारी चीजें सीखने को मिलती हैं कि आपके पास बहुत सारे अवसर आते हैं। आगे की लाइफ में आप कुछ बेहतर कर सकते हैं। एग्जाम की तैयारी के दौरान एस्पिरेंट्स को लर्निंग पर फोकस करना चाहिए। कर्म पर फोकस करना चाहिए।

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