सहारनपुर। अक्सर ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या बनी रहती है। गांव के लोग मुश्किल से नेटवर्क यूज कर पाते हैं। सहारनपुर के कुमार सत्यम का स्टार्टअप 'सीक्यू' (CEQU) समस्या का समाधान लेकर आया है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) और टेलीकॉम टेक्नोलॉजी के संयोजन से उन्होंने ऐसा सिस्टम बनाया है, जो गांव के अंतिम छोर तक खड़े व्यक्ति की नेटवर्क कनेक्टिविटी को बूस्ट करता है। 

ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी होगी आसान

एशियानेट न्यूज माईनेशन हिंदी से बातचीत में कुमार सत्यम कहते हैं कि यह ऐसा स्टार्टअप है, जो ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बूस्ट करता है। गांव के आखिरी आदमी को डिजिटल बनाने के लिए सिस्टम बनाया जाता है। 'सीक्यू' के सिस्टम से एक सीमा तक इंटरनेट यूज करने पर ग्रामीणों को कोई चार्ज नहीं देना पड़ता है। तय सीमा से ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल करने पर मिनिमम चार्ज देना होगा। 

 

मॉं शाकुंभरी देवी मंदिर से हुई शुरुआत

सहारनपुर के सिद्ध पीठ मॉं शाकुंभरी देवी मंदिर इलाके में नेटवर्क नहीं था। प्रोजेक्ट की शुरुआत यहीं से की गई थी। कुमार सत्यम ने लखनऊ में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में पीएम नरेन्द्र मोदी को इसका माडल भी दिखाया था। इसका दूसरा टेस्ट सहारनपुर के बलवंतपुर गांव में हुआ था। कुमार सत्यम कहते हैं कि ग्रामीण इलाकें में हम नेटवर्क की सुविधा देकर दिखाते हैं। फिर आगे सरकार की तरफ से आर्डर मिलने पर काम शुरु होगा। 

इंटरनेट का ऐसे करें सदुपयोग

कुमार सत्यम कहते हैं कि इंटरनेट के प्रोडक्टिव यूज के लिए ग्रामीणों को बहुत सारी सर्विसेज दी जाती हैं। नेटवर्क से कनेक्ट होते ही फोन पर डिजीग्राम (DIGIGRAM) पोर्टल खुलता है। जिसके जरिए लोगों को विभिन्न तरह की डिजिटल सर्विसेज उपलब्ध कराई जाती हैं। विलेज इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (वी-आईसीसीसी) का उपयोग किया जाता है। इसके जरिये ई-एजूकेशन, ई-हेल्थ, ई-गवर्नेंस सेवाएं और ई-कॉमर्स सेवाओं का भी लाभ उठाया जा सकता है। पोर्टल पर एनसीआरटी की कक्षा 12 तक का सिलेबस उपलब्ध है। मोबाइल से ही जन सुविधा केंद्र की सुविधा का भी उपयोग किया जा सकता है। 

ये है कुमार सत्यम की मुहिम

कुमार सत्यम कहते हैं कि 'सीक्यू' की मई 2022 में शुरुआत हुई। अभी तक हमारी मुहिम यही है कि जिस गांव में नेटवर्क नहीं है या जहां नेटवर्क है, पर उसका उपयोग नहीं किया जाता है। हम वहां अपना सिस्टम लगाते हैं। पूरे गांव को वाई फाई नेटवर्क मिलता है। ओटीपी के माध्यम से गांव वाले इंटरनेट यूज कर सकते हैं।

गांवों में बढ़ेगी कामर्शियल एक्टिविटी

जिन गांवों में नेटवर्क नहीं है, यदि उन जगहों पर ओपेन हाटॅ स्पॉट नेटवर्क दिया जाए तो गांव वाले खुद ब खुद यूपीआई की सुविधा का लाभ उठाना शुरु कर देंगे। इससे गांव में कामर्शियल एक्टिविटी बढ़ जाएगी। कुमार सत्यम कहते हैं कि कई सिस्टम में उन्हें बिजली की भी जरुरत नहीं होती है, क्योंकि उनका सिस्टम सोलर बेस्ड होता है। 

नेटवर्क को यूजेबल बनाता है 'सीक्यू'

कुमार सत्यम कहते हैं कि काम करते वक्त समझ में आया कि नेटवर्क हर जगह है, पर उपयोग के लिए सुलभ नहीं है। दूसरी तरफ यदि गांव में नेटवर्क दे दिया गया तो उसका सदुपयोग हो सकेगा या नहीं, यह भी बड़ा सवाल है। उदाहरण के तौर पर इसे ऐसे समझते हैं कि जैसे-यदि किसी पार्क में नेटवर्क दे दिया जाए तो संभव है कि ज्यादातर लोग वहां बैठकर यूट्यूब वीडियो देखेंगे। यह भी तो हो सकता है कि बच्चे उस नेटवर्क का यूज करके पढ़ाई करें। सत्यम कहते हैं कि हम नेटवर्क को यूजेबल बनाते हैं। हमारी कोशिश है कि नेटवर्क का बेहतर सुदपयोग हो। 

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