नई दिल्‍ली। एक के बाद एक लगातार 17 स्टार्टअप फेल हुए। 18वीं बार फिर कोशिश की तो किस्मत चमक गई। अब भारत के सक्सेसफुल युवाओं में गिने जाते हैं। कम्पनी की वैल्यू 40,000 करोड़ रुपये है। हम बात कर रहे हैं आईआईटी ग्रेजुएट अंकुश सचदेवा की, जिन्होंने अपने दो दोस्तों (फरीद अहसान और भानु सिंह) के साथ मिलकर शेयरचैट ऐप लॉन्च किया था। आइए जानते हैं अंकुश सचदेवा की सफलता की कहानी।

2014 में इंटर्नशिप, 2015 में शुरू किया बिजनेस

सोमरविले स्कूल से स्कूली शिक्षा के बाद अंकुश सचदेवा ने आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की डिग्री ली। 2014 में कुछ महीनों के लिए माइक्रोसाफ्ट में इंटर्नशिप भी की। साल 2015 में ग्रेजुएशन पूरा हुआ। नौकरी करने के बजाए उनका खुद का बिजनेस शुरू करने का सपना था तो एक कम्पनी की शुरूआत कर दी। पर सफलता नहीं मिली। इस तरह एक—एक करके कुल 17 स्टार्टअप फेल हो गए। पर उन्होंने हार नहीं मानी। 

छोटे शहरों और कस्बों के लोगों को जोड़ने वाला प्लेटफॉर्म

उसी दरम्यान अंकुश सचेदवा ने आईआईटी के अपने दो दोस्तों फरीद अहसान और भानु सिंह के साथ मिलकर शेयरचैट ऐप के रूप में 18वां स्टार्टअप शुरू किया। अक्टूबर 2015 में लॉन्च होने के बाद से ही अच्छा रिस्पांस मिलना शुरू हुआ और देखते ही जून 2022 तक उनकी कम्पनी की वैल्यू लगभग 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई। आज उनका सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (शेयरचैट) छोटे शहरों और कस्बों के लोगों को एक दूसरे से जोड़ता है। 

1000 को रोजगार, यूरोप में भी फैला कारोबार

उन्होंने देश के लोगों की जरूरत को समझा कि ऐसा प्लेटफॉर्म हो, जो आम लोगों की भाषा में हो और 15 स्थानीय भाषाओं में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का विस्तार किया। उसके नतीजे भी अच्छे निकले। कम समय में कम्पनी ने बिजनेस जगत की ऊंचाइयों को छुआ। वैसे तो कम्पनी का हेडक्‍वार्टर बेंगलुरु में है, पर अमेरिका-यूरोप सहित दुनिया के कई देशों कारोबार फैला है। ऐप के यूजर्स की संख्या करोड़ो में है। करीबन 1,000 लोगों को रोजगार दिया है। 

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