गाजियाबाद के नेहरू नगर की आरूषि अग्रवाल (28 साल) ने एक करोड़ रुपये सैलरी वाली जॉब ठुकराई। वर्ष 2020 में मात्र एक लाख रुपये पूंजी के साथ स्टार्टअप टैलेंटडिक्रिप्ट (TalentDecrypt) शुरू किया और युवाओं को मनचाही नौकरी के अवसर दिलाने में हेल्प करने लगीं।
नई दिल्ली। गाजियाबाद के नेहरू नगर की आरूषि अग्रवाल (28 साल) ने एक करोड़ रुपये सैलरी वाली जॉब ठुकराई। वर्ष 2020 में मात्र एक लाख रुपये पूंजी के साथ स्टार्टअप टैलेंटडिक्रिप्ट (TalentDecrypt) शुरू किया और युवाओं को मनचाही नौकरी के अवसर दिलाने में हेल्प करने लगीं। धीरे-धीरे उनसे कई देशों की कम्पनियां जुड़ीं। काम ऐसा चला कि अब उनकी कम्पनी की वैल्यू 50 करोड़ रुपये हो गई है। वह भी महज 4 साल में। आइए जानते हैं कि आरूषि ने बिजनेस वर्ल्ड में कैसे इतनी लंबी छलांग लगाई?
इस साफ्टवेयर ने आरूषि को ऊंचाइयों तक पहुंचाया
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की रहने वाली आरूषि ने नोएडा के जेपी इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली। साल 2018 के अंत में कोडिंग सीखा और साफ्टवेयर डेवलप करने में जुट गईं। डेढ़ साल की कड़ी मेहनत के बाद साफ्टवेयर बनकर तैयार हुआ। उसका नाम रखा टैलेंटडिक्रिप्ट। इसी साफ्टवेयर ने आरूषि को ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
मोटी सैलरी वाली जॉब ठुकराई
दरअसल, आरूषि ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद आईआईटी-दिल्ली से इंटर्नशिप किया था। उस दौरान नौकरी के अवसर मिले। एक करोड़ रुपये सैलरी का आफर मिला। पर आरुषि ने मोटी सैलरी वाली जॉब अपार्च्युनिटी को ठुकरा दिया और खुद का काम शुरू करने का फैसला लिया था। आपको बता दें कि आरूषि को भारत सरकार की नीति आयोग की तरफ से पुरस्कार भी मिल चुका है।
2020 में एक लाख रुपये से शुरू किया स्टार्टअप
कोरोना महामारी के दरम्यान ही साल 2020 में आरूषि ने महज एक लाख रुपये पूंजी से स्टार्टअप TalentDecrypt की शुरूआत की। दरअसल, उनके प्लेटफार्म का मकसद कोडिंग करने वाले लोगों और उनकी भूमिका के बीच एक आदर्श मिलान सुनिश्चित करना था। ताकि रिक्रूटमेंट प्रॉसेस को आसान बनाया जा सके। TalentDecrypt कड़े सिक्योरिटी फीचर से लैस है, जो जॉब असेसमेंट के दौरान किसी बाहरी डिवाइस के यूज को रोकती है। इससे रिक्रूटमेंट प्रॉसेस आसान हो गया।
380 कम्पनियां टैलेंटडिक्रिफ्ट की ले रहीं हेल्प
टैलेंटडिक्रिफ्ट युवाओं को जॉब में हेल्प करती है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में 380 कम्पनियां आरूषि की कम्पनी की हेल्प ले रही हैं। उनमें सिंगापुर, श्रीलंका, यूएई, अमेरिका, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, नेपाल शामिल हैं। कम्पनी एक हैकाथॉन का आयोजन करती है। युवाओं का वर्चुअल स्किल टेस्ट होता है और फिर योग्यता के अनुसार नौकरी पाने के अवसर खुल जाते हैं।
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Last Updated Jun 13, 2024, 2:12 PM IST