नयी दिल्ली। बीत वर्षों में मानसून (indian monsoons) कमजोर रहने के कारण धान की पैदावार पर असर पड़ा तो तेलंगाना के किसान बी महिपाल रेड्डी ने टमाटर की खेती शुरू की। करोड़ो रुपये कमाए। हालांकि भारत के एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए साल 2024 (India Agriculture 2024) खुशी की खबर लेकर आया है। 'ला नीना' वर्षा की वापसी से धान (rice and wheat) की बंपर पैदावार (grain production) की संभावनाएं बढ़ गई है। बहरहाल, मौसम के उतार-चढ़ाव और कम कमाई की मार झेल रहे किसानों के लिए रेड्डी की सफलता की कहानी नयी राह दिखाती है। आइए जानते हैं बी महिपाल रेड्डी की सक्सेस स्टोरी। 

टमाटर की खेती से सफलता

चावल की खेती के लिए मशहूर तेलंगाना के मेडक जिला स्थित कौडीपल्‍ली गांव निवासी किसान बी महिपाल रेड्डी की इलाके में पहचान है। पहले वह धान की खेती करते थे। पर उसमें ज्यादा फायदा नहीं हुआ तो टमाटर की खेती शुरू करने का फैसला लिया। ज्यादा पढ़े-लिखे तो नहीं हैं, पर बाजार की स्थितियों के बारे में उनकी जानकारी बड़े-बड़ों को मात देती है। गांव के लोग भी उनकी इस मेधा का लोहा मानते हैं, क्योंकि जिस उम्मीद के साथ उन्होंने धान की खेती छोड़कर टमाटर की फसल लगाई थी। उसके नतीजों ने रेड्डी को सफलता दिलाई। 

टमाटर की खेती की बारीकियां सीखीं

खेती से करोड़ों की कमाई करना इतना आसान नहीं था। रेड्डी कभी 20 एकड़ खेती में धान की फसल उगाते थे। कई बार घाटा हुआ। यह देखकर उन्होंने सब्जियां उगानी शुरू कर दी। उसी दरम्यान उन्होंने नोटिस किया किया कि तेलंगाना में आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से टमाटर आते हैं। रेड्डी ने उन राज्यों का दौरा किया। टमाटर की खेती करने वाले किसानों से मिले और एग्रीकल्चर तकनीक के बारे में जानकारी ली।

कैसे बढ़ाएं टमाटर की पैदावार?

अब सबसे बड़ी चुनौती टमाटर की खेती शुरू करने की थी, क्योंकि तेलंगाना में अप्रैल और मई के महीने में टेम्प्रेचर काफी बढ़ जाता है, जो टमाटर की फसल के ​लिए अच्छा नहीं माना जाता। तापमान को कंट्रोल करने के लिए 8 एकड़ खेत में नेट शेड लगवाया। उसमें करीबन 16 लाख रुपये खर्च हुए। परिणाम अच्छा मिला। टमाटर की पैदावार में बढ़ोत्तरी हुई। अप्रैल में बुआई के बाद जून महीने में टमाटर मार्केट में बिकने को तैयार थे।

15 दिन में बिके 2 करोड़ के टमाटर

अब इसे संयोग कहें या किस्मत। जब जून 2023 में महिपाल रेड्डी की टमाटर की फसल तैयार हुई तो उस समय टमाटर के भाव आसमान छू रहे थे। 15 दिनों में ही 2 करोड़ के ​टमाटर बिके। हालात यह थे कि तमाम जगहों पर 100 से 200 रुपये किलो तक टमाटर की बिक्री हुई। टमाटर के 7000 डिब्बे बिके। एक डिब्बे में 25 से 28 किलोग्राम टमाटर की पैकिंग होती थी। अब रेड्डी 100 एकड़ जमीन पर खेती करते हैं। करीबन 80 एकड़ जमीन लीज पर ली है। 60 एकड़ में धन की खेती और बाकि 40 एकड़ में अन्य फसलों की खेती करते हैं। खेती में ड्रिप सिंचाई और स्टेकिंग मेथड का यूज भी करते हैं। 

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