UPPCS-J Result 2023: यूपी के कासगंज के सहावर गेट स्थित नई हवेली की रहने वाली रश्मि सिंह ने पहले अटेम्पट में UPPCS-J एग्जाम टॉप कर इतिहास रचा है। PCS-J के नतीजों में उनकी थर्ड रैंक आई है। मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली रश्मि सिंह ने स्ट्रेटजी बनाकर UPPCS-J एग्जाम की तैयारी की।
UPPCS-J Result 2023: यूपी के कासगंज के सहावर गेट स्थित नई हवेली की रहने वाली रश्मि सिंह ने पहले अटेम्पट में UPPCS-J एग्जाम टॉप कर इतिहास रचा है। PCS-J के नतीजों में उनकी थर्ड रैंक आई है। मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली रश्मि सिंह ने स्ट्रेटजी बनाकर UPPCS-J एग्जाम की तैयारी की। MY NATION HINDI से बात करते हुए वह कहती हैं कि उन्होंने घंटों के हिसाब से नहीं, बल्कि सब्जेक्ट और टॉपिक वाइज टारगेट बनाकर तैयारी की, उनका टारगेट जितने समय में पूरा हो जाता था। उतने समय तक रश्मि पढ़ाई करती थीं। UPPCS-J परीक्षा की तैयारी के सिलसिले में उन्होंने खास बातें शेयर की। आइए डिटेल में जानते हैं।
राज्यों के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां बिल्कुल अलग
रश्मि सिंह कहती हैं कि तमाम एस्पिरेंट्स यूपी, एमपी, राजस्थान, बिहार की न्यायिक सेवा की परीक्षा की तैयारी एक साथ करते हैं। पर मैंने पहले यह तय कि मुझे किस राज्य की न्यायिक सेवा के लिए एग्जाम देना है। सभी राज्यों के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां बिल्कुल अलग-अलग हैं। यूपी के विषय अलग हैं। मेरे मामले में यही कारगर साबित हुआ। अगर आपको लगता है कि आप चार राज्यों की न्यायिक सेवा की परीक्षाओं को टारगेट करके चल सकते हैं, तो चलें, अन्यथा एक राज्य की न्यायिक सेवा की ही तैयारी करें। दिल्ली, यूपी, हरियाणा व अन्य राज्यों के एग्जाम के पैटर्न बिल्कुल अलग है।
यूपीपीसीएस-जे एग्जाम का पैटर्न सबसे अलग
रश्मि कहती हैं कि यूपीपीसीएस-जे के सामान्य ज्ञान और जीएस का पैटर्न सिविल सर्विस लेबल का हो गया है। इसलिए मुझे लगा कि अन्य राज्यों की न्यायिक सेवा की तैयारी के साथ यूपी के न्यायिक सेवा के लिए परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पाती तो मैंने तय कि मुझे यूपी की न्यायिक सेवा की परीक्षाओं के लिए ही तैयारी करनी है। यूपी के स्थानीय कानूनों में 7 लॉ आते हैं, जो कहीं नहीं आते हैं। सभी स्टेट के लोकल लॉ अलग अलग हैं।
लक्ष्य तय कर करें तैयारी
अपना अनुभव शेयर करते हुए रश्मि सिंह कहती हैं कि पांच साल तक बीए एलएलबी की पढ़ाई के बाद मुझे भी ऐसा लग रहा था कि चलो वकालत कर लें, कुछ और भी करें। लोगों को लगता है कि पैसा कमा लें। पता नहीं एग्जाम क्रैक होगा या नहीं। पर आप दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ते रहें। यह तय कर लें कि मुझे वकालत में नहीं बल्कि यूपीपीसीएस-जे में ही जाना है। एक चीज को पकड़िए और उस पर लगे रहिए। सफलता निश्चित मिलेगी।
रश्मि सिंह ने कहां से की पढ़ाई?
रश्मि सिंह ने द्रौपदी देवी जाजू विद्या मंदिर से साल 2012 में हाईस्कूल और 2014 में इंटरमीडिएट किया। साल 2020 में अलीगढ़ मुस्लिम विवि से बीए एलएलबी की। साल 2021 से यूपीपीसीएस-जे की तैयारी शुरु कर दी। उसी दरम्यान आल इंडिया बार काउंसिल की परीक्षा भी पास की और एक आनलाइन प्लेटफार्म का सहारा लेकर दिल्ली से पीसीएस (जे) की तैयारी करती रहीं। रश्मि के पिता नरेंद्र कुमार शहर में इलेक्ट्रॉनिक्स की शॉप चलाते हैं। मॉं नेमवती हाउस वाइफ हैं।
परिवार ने नहीं आने दिया स्ट्रगल
रश्मि सिंह कहती हैं कि परिवार ने मुझ तक स्ट्रगल नहीं आने दिया। खुद काफी स्ट्रगल किया। भले ही आर्थिक लिहाज से परिवार उतना सम्पन्न नहीं है। फिर भी मेरी जरूरतें पूरी की। 10 साल की लम्बी जर्नी में कई बार लगा कि नहीं हो पाएगा। पर दृढ संकल्प से संभव हो सका। पापा ने कई बार उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि मध्यमवर्गीय परिवार के लोग पढ़ाई से ही कुछ कर सकते हैं, दूसरा कोई साधन नहीं है। तो इन चीजों से मनोबल बढ जाता था। रश्मि कहती हैं कि सपोर्ट सिस्टम जरूरी है। यह दोस्तों, परिवार, पति-पत्नी किसी का भी हो सकता है। जब आप परेशान होते हैं तो कोई ऐसा व्यक्ति होन चाहिए। जिससे आप अपनी बात कह सकें।
इंटरव्यू में पूछे गए ये सवाल
आपको जज बना दिया जाता है और आपकी पोस्टिंग किसी दूर दराज के इलाकों में कर दी जाती हैं। जहां लाइट नहीं है। छत से पानी टपक रहा है तो आप क्या करेंगी?
—सर, अगर मैं अपनी बात करूं कि अभी अपने लक्ष्य के लिए इतना दृढ़ निश्चय किया है कि यह सारी चीजें उसके सामने इनमैटेरियल लगेंगी।
'आई विल सी यू इन कोर्ट' का क्या मतलब है?
—मुझे ऐसा लगता है कि लोगों को अभी ज्यूडिशियरी पर विश्वास है। यह लाइन उसकी व्याख्या करती है। इसलिए वह यह कहते सुनते पाए जाते हैं। दूसरी बात यह है कि हमारे यहां की लिटरेसी और जागरूकता बढ़ रही है। इसलिए लोग अपने अधिकार और कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक हो रहे हैं कि यदि आप मेरे कानून अधिकारी और कर्त्तव्यों को प्रभावित करेंगे तो 'आई विल सी यू इन कोर्ट'।
इन खास बातों पर भी दें ध्यान
रश्मि कहती हैं कि हर तैयारी का एक पिक टाइम आता है। कोई भी व्यक्ति लगातार साल भर डेली 12 घंटे नहीं पढ़ सकता है। आप इस तरह तैयारी करें कि जब वैकेंसी निकले तो आपकी तैयारी पिक पर हो। आप अपनी पढ़ाई के साथ बेस को भी मजबूत रखें।
इन लोगों को देती हैं सफलता का श्रेय
रश्मि सिंह अपनी सफलता का श्रेय फैमिली और टीचर्स को देती हैं। वह कहती हैं कि अमित खन्ना और फैजान सर के अलावा परिवार के लोगों ने उन्हें एग्जाम की तैयारी के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा मौजूदा समय में दिल्ली में पोस्टेड उनके दोस्त साल 2020 के आईईएस टॉपर गौरव कुमार वर्मा ने उन्हें गाइड किया। उन्होंने पूरी जर्नी में रश्मि सिंह का साथ दिया, प्रिपरेशन की स्ट्रेटजी बनाने में मदद की।
Last Updated Sep 1, 2023, 4:18 PM IST